भारतीय पाक कला व आयुर्वेद एक-दूसरे से अलग नहीं बल्कि पूरक हैं। भोजन में छौंक-तड़के की बात करें तो इसे केवल दाल-सब्जी का स्वाद बढ़ाने वाला माना जाता है लेकिन इसमें डाले जाने वाले मसालों में औषधीय गुण हैं। ये हमारी सेहत को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने में मददगार हैं।
हरीशचंद्र पांडे
भारतीय रसोईघरों में हींग, जीरा, राई, इलायची, अजवाइन आदि का छौंक नियमित रूप से लगाया जाता ही है। छौंक लगाने से दाल-सब्जी व कढ़ी आदि का जायका बढ़ जाता है। पर यह छौंक अपने आयुर्वेदिक गुणों के हिसाब से भी बहुत महत्वपूर्ण है। मिसाल के तौर पर हींग को ही लीजिए। सब जानते हैं कि हींग का छौंक लगाना दाल-सब्जी के जायके को बढ़ाएगा।
पाचन में सहायक हींग
गरम तेल में जीरे, राई व सौंप के साथ छौंक लगाने में हींग इस्तेमाल किया जा सकता है या फिर सब्जी पक जाने के बाद ऊपर से तड़का लगाते समय भी। नियमित रूप से हींग का खाने में उपयोग पेट को स्वस्थ और पाचन को दुरुस्त रखता है। हींग, पेट के मरोड़ और अपच से राहत दिलाता है।
भूख बढ़ाए अदरक
शायद कुछ ही लोग ऐसे होंगे, जिन लोगों को अदरक कम पसंद होगा। छौंक में डाला जाता है तो इसकी महक ही भूख जगा देती है। गोभी, मटर, गाजर, आलू आदि की सब्जी बगैर अदरक के छौंक के बेस्वाद सी लगती है। गरम तेल में अदरक के बारीक टुकड़े का छौंक बहुत स्वादिष्ट लगता है। अदरक-लहसुन को एक साथ भी छौंक लगाने में इस्तेमाल किया जाता है। अदरक पेट की गैस को मिटाता है। अदरक से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
जायफल का जायका
आपको शायद ये लगता हो कि इसे अधिकतर दाल और पनीर आदि में ही इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन सब्जी छौंकते समय थोड़ा-सा जायफल अगर इस्तेमाल करें तो सब्जी की खुशबू और उसके जायके में बहुत फर्क पड़ेगा। हर मौसम में जायफल भोजन को सुपाच्य बनाता है व शरीर को सुरक्षात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। जायफल त्वचा के लिए बेहद लाभकारी है। इससे पेशाब का संक्रमण को कम करने में मदद मिलती है व गठिया के दर्द से राहत देता है।
स्वाद बदलने वाली इलायची
इलायची दो तरह की होती है। छोटी हरे रंग की व बड़ी काली। यह लौकी और मूली जैसी सादी सब्जी के स्वाद को काफी बदल सकती है और स्वाद को बहुत बढ़ा सकती हैं। यह वजन को नियंत्रित करती है।
जीरा मसाला भी, औषधि भी
हम अधिकतर घर में सब्जी बनाते हैं तो जीरा ही छौंक के लिए इस्तेमाल करते हैं। जीरा न केवल स्वाद देता है आयुर्वेदिक औषधि का काम करता है। यह शरीर का तापमान संतुलित रखता है। छौंक में नियमित जीरा इस्तेमाल किया जाये तो वजन भी घटता है। जीरा भूख बढ़ाता है वहीं इसमें आयरन भरपूर होता है।
अरबी-अजवाइन का मेल
अजवाइन का छौंक भी बहुत महत्वपूर्ण है। कढ़ी, सालन, अरबी की रस वाली सब्जी आदि तो अजवायन के छौंक बगैर अधूरी ही हैं। यो तो अजवाइन का स्वाद तीखा और कड़वा होता है पर अजवाइन के छौंक को औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। जुकाम-फ्लू से बचने के लिए आप हर व्यंजन में अजवाइन का छौंक लगाकर भोजन का आनंद ले सकते हैं।
त्रिदोष ठीक करने वाली राई
राई का छौंक तो गट्टे की सब्जी हो, कढ़ी हो या रायता हो सबमें स्वाद भर देता है। इसका छौंक सिर दर्द, कान के रोग, खुजली, कुष्ठ रोग, पेट की बीमारी में फायदेमंद होता है। यह अपच, भूख की कमी, बवासीर और गठिया में भी लाभदायक होता है। मूत्र रोग में भी उपयोगी होता है। इसका छौंक त्रिदोष को ठीक करने वाला माना गया है।
आंखों की सेहत सुधारे सौंप
सौंप का छौंक करेले, भिंडी, टिंडे, आलू-प्याज की सूखी सब्जी में खूब लगाया जाता है। आमतौर पर सौंप का उपयोग मुख वास के रूप में किया जाता है। इसके अलावा, भारतीय रसोई में सौंप का उपयोग मसाले के रूप में छौंक के लिए होता है। सौंप पेट को सेहतमंद बनाए रखने में बड़ी भूमिका निभाती है। यह आंखों की रोशनी बढ़ाने, वजन कम करने में मददगार साबित होती है।