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बजट के जरिये रोजगार सृजन की नई उम्मीदें

चुनींदा सेक्टरों के लिए प्रावधान मदद व प्रोत्साहन के
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एमएसएमई में मैन्युफेक्चरिंग की प्रक्रिया
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हालिया केंद्रीय बजट में चुनींदा सेक्टरों के लिए विभिन्न माध्यमों से मदद व प्रोत्साहन आदि के प्रावधान किये गये हैं ताकि वे तेजी से ग्रोथ व विस्तार कर सकें व उनमें जॉब्स का सृजन हो। ऐसे में उम्मीद है कि अगले पांच सालों में लक्षित 3 करोड़ से ज्यादा रोजगार पैदा होने का सपना पूरा होगा।

कीर्तिशेखर

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साल 2025-26 के केंद्रीय बजट में 8 ऐसे सेक्टरों को चिन्हित किया गया है, जहां सरकार को उम्मीद है कि आने वाले 5 सालों में 3 करोड़ नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। यह भी कि 50 लाख रोजगार अकेले एमएसएमई तथा स्टार्टअप के क्षेत्र व 50 लाख से ज्यादा टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र से पैदा की उम्मीद की गई है। चमड़ा/फुटवियर उद्योग से 22 लाख, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार से 1 लाख, गिग इकोनॉमी क्षेत्र से अगले 5 सालों में एक करोड़, ग्रामीण कौशल विकास के क्षेत्र से 50 लाख, शहरी कारोबार और पीएम स्वनिधि योजना से करीब 10 लाख और खिलौना उद्योग से 22 लाख रोजगार अगले 5 सालों में पैदा होंगे, यह उम्मीद हालिया बजट से लगायी गई है। इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुचिता दत्ता के मुताबिक यह उम्मीद हवा हवाई नहीं, पैसा आयेगा तो इंडस्ट्री विस्तार करेगी और रोजगार पैदा होंगे।

इंश्योरेंस में एफडीआई बढ़ाने का असर

जहां तक पैसा आने की बात है तो इस आम बजट में इंश्योरेंस सेक्टर में पहली बार डायरेक्ट इंवेस्टमेंट को 74 प्रतिशत से बढ़ाकर सीधे 100 फीसदी कर दिया गया है। इससे उम्मीद है कि इंश्योरेंस के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सीधा विदेशी निवेश आयेगा और बीमा क्षेत्र का जो व्यापक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होगा, उससे 10 लाख से ज्यादा रोजगार पैदा होंगे। खिलौना, निर्माण, ईवी मैन्यूफैक्चरिंग, इकोसिस्टम, ट्रैवल और टूरिज्म क्षेत्र को जिस तरह से मदद पहुंचायी गई है, उसके चलते अगले पांच सालों में रोजगार के क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन दिखेंगे।

एमएसएमई की श्रेणी में विस्तार

एमएसएमई सेक्टर की श्रेणी बढ़ायी गई है, अब यह क्षेत्र पहले से कहीं ज्यादा पूंजी उठा सकेगा और इसका इस्तेमाल रोजगार विस्तार के लिए होगा। इसी तरह गिग वर्कर्स भी बडे़ पैमाने पर इस साल रोजगार पा सकेंगे । मध्यवर्ग को आयकर में दी गई राहत से जो पैसे उसके हाथ में आएंगे, उनके जरिये उपभोग में बढ़ोतरी होगी जो गिग इकोनॉमी को मजबूत बनायेगी। गौरतलब है कि देश में इस समय करीब 1 करोड़ एमएसएमई यूनिट्स हैं, जिनमें 7.5 करोड़ से ज्यादा लोग नौकरी कर रहे हैं। अब चूंकि क्रेडिट गारंटी कवर बढ़ने से अगले 5 साल तक में 1.5 से 2 लाख करोड़ रुपये तक इस क्षेत्र के लिए अतिरिक्त कर्ज उपलब्ध होगा, इसलिए मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट दोनों को बढ़ावा मिलेगा।

होटल व टूरिज्म क्षेत्र को मदद

इस बजट में पहली बार होमस्टे और छोटे होटल व्यवसायियों के लिए भी मुद्रा लोन की व्यवस्था की गई है। इससे 50 लाख से ज्यादा रोजगार पैदा होने की उम्मीद है। वहीं साल 2033 तक पर्यटन के क्षेत्र में 5.42 करोड़ नौकरियां पैदा होने का अनुमान है, जिसकी शुरुआत इसी साल से हो जायेगी और इस तरह हालिया केंद्रीय बजट रोजगार पैदा करने में जोरदार भूमिका निभायेगा।

बड़ा दांव फुटवियर उद्योग पर

सरकार ने सबसे ज्यादा दांव चमड़ा/फुटवियर उद्योग में लगाया है। इनसे जुड़ी केंद्रीय योजना की घोषणा की गई है। इस योजना के तहत चमड़ा प्रसंस्करण, डिजाइनिंग और निर्माण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर नौकरियां पैदा होंगी। अनुमान है कि यह क्षेत्र इस साल 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित करेगा और 22 लाख से ज्यादा रोजगार के नये अवसर पैदा करेगा।

गिग वर्कर्स के लिए प्रोत्साहन उपाय

साल 2025-26 के आम बजट को ऐसे निर्मित किया गया है कि यह रोजगार पैदा करने को आधारभूत भूमिका बनाए। गिग वर्कर्स को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा की घोषणा की गई है और इस घोषणा में एक करोड़ गिग वर्कर्स को औपचारिक पहचान मिलेगी व सामाजिक सुरक्षा मिलेगी। ओला, ऊबर, जोमैटो और स्विगी जैसे प्लेटफॉर्म पर इस साल रोजगार के अवसर पैदा होंगे। जिनके साल 2029-30 तक 2.35 करोड़ हो जाने की बात कही गई है यानी अगले 5 साल में इस क्षेत्र से 1.35 करोड़ रोजगार पैदा होंगे। वहीं सरकार खिलौना इंडस्ट्री को अगले 5 सालों में क्लस्टर स्किल और मैन्यूफैक्चरिंग का इको सिस्टम बनायेगी। इसमें कई लाख करोड़ रुपये निवेश करने की योजना है ताकि यह इंडस्ट्री हर साल लाखों रोजगार पैदा करे। साल 2025-26 के बजट को रोजगार बढ़ाने वाले डिजाइन के अनुरूप ढाला गया है। अनुमान है कि अगले पांच सालों में 3 करोड़ से ज्यादा नये रोजगार पैदा होंगे। -इ.रि.सें.

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