इत्र के कारोबार में महकाएं कैरियर
कविता संघाइक खुशबू से अधिक खुशनुमां यादगार चुनींदा ही होती हैं। इन दिनों कॉस्मेटिक्स, परफ्यूम और डियोड्रेंड के इस्तेमाल का चलन तेजी से बढ़ा है, उससे इस इंडस्ट्री को भी पंख लग गये हैं। इस अनुमान के मुताबिक भारतीय इत्र...
कविता संघाइक
खुशबू से अधिक खुशनुमां यादगार चुनींदा ही होती हैं। इन दिनों कॉस्मेटिक्स, परफ्यूम और डियोड्रेंड के इस्तेमाल का चलन तेजी से बढ़ा है, उससे इस इंडस्ट्री को भी पंख लग गये हैं। इस अनुमान के मुताबिक भारतीय इत्र बाज़ार (व्यक्तिगत उपयोग के लिए) 4,000 करोड़ का है। इसमें से 3,000 करोड़ का डिओड्रेंड का बाज़ार है। जाहिर है इस क्षेत्र में रोजगार के मौके व कैरियर ऑप्शन भी पैदा होंगे। टेक्नोलॉजी के अलावा आज के दौर में कई ऑफबीट कोर्स पॉपुलर हुए हैं, उनमें से एक यह भी है। इनमें से कई शानदार कोर्स हैं, जिनमें प्रतिस्पर्धा भी कम है और कैरियर को उड़ान देने के मौके भी अधिक हैं। इत्र उद्योग में कैरियर एक नया और तेजी से उभरता विकल्प है, जो इन दिनों युवाओं की पसंद बन रहा है।
नये प्रॉडक्ट खोजने में मददगार परफ्यूमर
हालांकि इस इंड्स्ट्री में भी आजकल कॉम्पिटिशन बढ़ता जा रहा है। इसके चलते अलग−अलग ब्रांड्स अपने प्रोडक्ट्स जैसे परफ्यूम, साबुन, फ्रेशनर, क्लीनिंग प्रोडक्ट्स में कई तरह के परफ्यूम का इस्तेमाल कर रहे हैं। बहुत कम लोग आयातित परफ्यूम ब्रांड खरीदते हैं और बाकी भारतीय ब्रांड लेते हैं। वहीं कस्टमर्स की पसंद को देखते हुए कंपनियां कुछ नया करने की चाह रखती हैं और इसमें उनकी मदद करते हैं परफ्यूमर। अगर आप भी ऑफ बीट कोई कैरियर बनाने की सोच रहे हैं, तो इस क्षेत्र में अपना कदम बढ़ा सकते हैं।
कैसे बनें माहिर
परफ्यूम बनाने की कला को परफ्यूमरी और इसमें माहिर प्रोफेशनल लोगों को परफ्यूमर कहा जाता है। परफ्यूमर्स एक तरह के केमिस्ट होते हैं, जो तरह-तरह के मनमोहक फ्रेगरेंस बनाते हैं। एक परफ्यूमर बनने के लिए किसी भी व्यक्ति को फ्रेगरेंस वाली चीजों में रचे-बसे गंधों का गहरा ज्ञान होना बेहद जरूरी है। एक परफ्यूमर का मुख्य काम अलग−अलग प्रोडक्ट्स के लिए एरोमा फॉर्मूला तैयार करना होता है। परफ्यूमर सिर्फ परफ्यूम्स के लिए ही फ्रेगरेंस ही नहीं डवेलप करते बल्कि कई अन्य प्रोडक्ट्स के लिये भी इत्र और एरोमा तैयार किया जाता है।
योग्यता और कोर्स
12वीं कक्षा (केमेस्ट्री के साथ) पास होना जरूरी है। इसके बाद चाहें तो आगे ग्रेजुएशन में भी केमिस्ट्री से बीएसएसी कर सकते हैं। इसके अलावा आप परफ्यूमरी एंड फ्लेवर्स टेक्नोलॉजी में मास्टर्स, टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट प्रोग्राम इन एरोमा मैनेजमेंट, एरोमा टेक्नोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएशन या परफ्यूमरी एंड कॉस्मेटिक मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा भी कर सकते हैं।
प्रमुख संस्थान
फिलहाल देश में परफ्यूमरी के क्षेत्र में छात्रों को शिक्षित- प्रशिक्षित करने के लिए ज्यादा संस्थान नहीं हैं। फिर भी कुछ संस्थान हैं जो परफ्यूमरी में पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं। मुंबई विश्वविद्यालय और इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी, मुंबई इत्र और स्वाद प्रौद्योगिकी में मास्टर डिग्री प्रदान करता है। उत्तर प्रदेश के कन्नौज में खुशबू और स्वाद विकास केंद्र (एफएफडीसी) सुगंध और उसके प्रबंधन में प्रौद्योगिकी विकास कार्यक्रम में एक साल का पाठ्यक्रम प्रदान करता है, जो रसायन विज्ञान और गैर-रसायन विज्ञान, दोनों तरह की पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए खुला है, साथ ही साझेदारी में सुगंध प्रौद्योगिकी में पीजी भी है वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून के साथ। केंद्र अल्पकालिक पाठ्यक्रम भी प्रदान करता है।
* मुंबई यूनिवर्सिटी एंड इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी, मुंबई
* वीजी वेज़ कॉलेज ऑफ आर्ट्स, मुंबई
* फ्रेगरेंस एंड फ्लेवर डेवलपमेंट सेंटर, उत्तर प्रदेश
* द फोरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट, देहरादून
वेतन
शुरुआती तौर पर फ्रेगरेंस केमिस्ट 20,000 से 25,000 रुपये प्रतिमाह आसानी से कमा लेता है। वहीं अगर किसी स्थापित इंस्टीट्यूट से परफ्यूमरी की डिग्री प्राप्त की है तो शुरुआती वेतन 35,000 से 40,000 प्रतिमाह तक मिल जाता है। अनुभव के साथ फ्रेगरेंस केमिस्ट का वेतन 50,000 से 70,000 रुपये प्रतिमाह हो जाता है।
इन क्षेत्रों में बना सकते हैं कैरियर
परफ्यूमर कई तरह की इंडस्ट्री जैसे क्लीनिंग प्रॉडक्ट, बाथ प्रॉडक्ट्स, बॉडी सेंट्स यूनिट के अलावा परफ्यूम हाउसेज आदि में काम कर सकते हैं। आधुनिक दौर में चाय, वाइन इंडस्ट्री और अरोमा थैरेपी में भी कैरियर आजमा सकते हैं। परफ्यूमर के लिए सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी नौकरी की बेहतर संभावनाएं मौजूद हैं।

