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Job values in Priorities वेतन के साथ नौकरी से जुड़ी नयी उम्मीदें

जॉब वेल्यूज : बेहतर पैकेज के साथ ही युवा वर्क-लाइफ बैलेंस को दे रहे तरजीह
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जॉब सर्च की प्राथमिकताओं में पैकेज संग वर्क-लाइफ बैलेंस का फेक्टर भी शामिल
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आगामी साल में बेहतर वेतन के साथ ही युवा पेशेवर नये जॉब मूल्यों को प्राथमिकता देंगे। मसलन वर्क-लाइफ बेलेंस, कार्यस्थल पर क्रिएटिविटी व मल्टीस्किलिंग और एडैप्टेबिलिटी का माहौल। ये पेशेवर कंपनी से रिमोट वर्क और पर्यावरण अनुकूलता भी चाहते हैं।

कीर्तिशेखर

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साल 2025 में कैरियर वैल्यूज बिल्कुल बदली-बदली दिखेंगी। एक जमाना था जब इम्प्लॉयी, इम्प्लॉयर से बस एक शानदार तनख्वाह चाहता था, इसके अलावा और कोई डिमांड नहीं होती थी। लेकिन अब उसकी बहुत चाहतें और मांगें बदल गई हैं। अब युवा सिर्फ नौकरी नहीं बल्कि ऐसे कैरियर मूल्यों के साथ नौकरी चाहता है, जो उसके जुनून और सामाजिक दृष्टिकोण से मेल खाते हों। अगले साल में कैरियर के क्षेत्र में कई नयी तरह के मूल्य उभरकर सामने आने

वाले हैं।

लाइफ-वर्क बैलेंस

आज का युवा नौकरी के नाम पर अपने को झोंक देने के लिए तो तैयार है, लेकिन इसके साथ एक संतुलन भी चाहता है। बहुत साल पहले एक ट्रेंड उभरकर आया था, ‘जमकर मेहनत, छककर मस्ती’। लेकिन अब बड़ा बदलाव आया है। दरअसल पहली बात तो 9-5 वाली नौकरियों को अब युवा बाय-बाय कहना चाहते हैं। वे ऐसी नौकरी चाहते हैं, जहां काम पर आने-जाने का समय लचीला हो। कोरोना महामारी के वर्क फ्रॉम होम का जो कल्चर डेवलप हुआ, वह अब स्थायी होता जा रहा है। उससे भी आगे अब रिमोट वर्क नये सिरे से काम कर रहा है। कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां आने वाले समय में ऐसे छोटे और रिमोट इलाके में जाकर काम करेंगी, जिनके बारे में पहले सोचा भी नहीं जा सकता था। क्योंकि आज का युवा जितना महत्व नौकरी को देता है, उतना ही अपनी जिंदगी और मानसिक स्वास्थ्य को भी देता है। इसलिए अब नये कैरियर वैल्यूज में युवाओं को लाइफ-वर्क बैलेंस चाहिए। नौकरी के लिए वे स्वास्थ्य और आजादी खोना नहीं चाहते।

मल्टीस्किलिंग और एडैप्टेबिलिटी

अब युवा जिंदगी किसी एक क्षेत्र या कैरियर में सीमित नहीं रहना चाहतावह एक साथ कई तरह की स्किल्स सीखकर अपने काम को मल्टीडाइमेंशन देना चाहता है। ऐसे कैरियर की तलाश में रहता है, जो उसे एक साथ बहुत कुछ करने का मौका दे। पहले इसे डायवर्जन समझा जाता था, अब इसे डायमेंशनल समझा जाता है। बड़ी कंपनियां खुद इसे स्वीकार कर रही हैं। यही कारण है कि टैक्नोलॉजी और आर्ट का संयोजन अब दुर्लभ आश्चर्य नहीं है बल्कि नई स्मार्टनेस का मानदंड है। भविष्य में खेती ज्यादातर पढ़े-लिखे लोग करेंगे। एग्रीकल्चर अब एग्रीटेक के रूप में उभरेगी। युवाओं का रुझान खेती की तरफ बढ़ा है।

आजादी और क्रिएटिविटी

आज के युवा नये कैरियर वैल्यू के रूप में अब ऐसे जॉब्स को प्राथमिकता दे रहे हैं, जो उनकी रचनात्मकता और स्वतंत्र सोच को प्रोत्साहित करें। आजादी और क्रिएटिविटी उसकी प्राथमिकता है। फिक्स टाइम की नौकरी के बजाय वह फ्रीलांसिंग की तरफ बढ़ रहा है और कुछ कामों में उसने कॉम्बीनेशन विकसित भी किया है। मसलन कंटेंट क्रिएशन, गेमिंग और डिजाइनिंग में उसकी भरपूर कोशिश दिख रही है कि वह आजादी के साथ रचनात्मकता को नये आयाम दे।

सस्टेनबिलिटी और पर्यावरणीय जिम्मेदारी

युवा ऐसी नौकरियों की तलाश कर रहे हैं, जो पर्यावरण को बचाने में योगदान करें। ग्रीन जॉब्स, सस्टेनेबल आर्किटेक्चर, क्लाइमेट टेक और कार्बन न्यूट्रल वर्क प्लेस जैसी भूमिकाएं वास्तव में इसी जिम्मेदारी और चाहत का नतीजा हैं। पसंदीदा हैं ऐसे संस्थान जो पर्यावरण के अनुकूल काम का माहौल देते हैं, जहां वेतन के साथ कई दूसरे लाभ मौजूद हों जो आपकी जिंदगी को ज्यादा खुशहाल बनाते हैं मसलन हेल्थ पॉलिसी और आरामदायक माहौल में काम करने की आजादी।

ग्लोबल विजन-लोकल कनेक्शन

आज का युवा चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने में बैठा हो, लेकिन उसकी सोच, विजन ग्लोबल है। वह अपने लोकेल में रहते हुए ग्लोबल इम्पोर्टेंट हासिल करना चाहता है। युवा चाहता है कि वह ग्लोबल समझ रखे, ग्लोबल सोच रखे, लेकिन अपने इर्द-गिर्द की समस्याओं को हल करने में जी-जान लगा दे। वह डिजिटल टेक के साथ जी रहा है। कैरियर वैल्यूज में डिजिटल और टेक ड्रिवन को भी प्राथमिकता देना चाहता है। 2025 में 100 में से 75 नौकरियों पर दबाव होगा कि वे ज्यादा से ज्यादा अपने फॉर्मेट को डिजिटल बनाएं।

डायवर्सिटी और समावेशिता

आज का युवा ऐसे कार्यस्थलों को काम करने के लिए प्राथमिकता देता है जहां लिंग, धर्म, जाति जैसा कोई भेदभाव न हों। कार्यस्थल समावेशी और सहयोगात्मक हो। यही वजह है कि गिग इकोनॉमी और इंटरप्रिन्योरशिप तेजी से बढ़ रहे हैं। आत्मनिर्भरता और अपनी शर्तों पर काम करने का यह चलन तेजी से उभर रहा है। -इ.रि.सें.

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