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Exercise Routine चंद घंटों के व्यायाम से रह सकते हैं चुस्त-दुरुस्त

रोग दूर रखने को हफ्ते में कुल 3-4 घंटे एक्सरसाइज ही काफी
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स्वस्थ रखने में मददगार व्यायाम की आदत
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स्वस्थ रहने के लिए जरूरी नहीं कि प्रतिदिन घंटों व्यायाम किया जाये। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, सप्ताह में अगर 150 से 300 मिनट की मध्यम तीव्रता वाली एक्सरसाइज जैसे तेज चलना, साइकिलिंग या फिर 75 से 150 मिनट दौड़ना आदि कर लें तो भी सेहतमंद रह सकते हैं। कई शोध अध्ययन भी इस बात की पुष्टि करते हैं। कुछ हद तक रोगों से बचाव के लिए इतना व्यायाम पर्याप्त है बशर्ते सही ढंग हो।

डॉ. माजिद अलीम

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कई लोग बड़ी हताशा में रहते हैं कि वे पर्याप्त कसरत नहीं कर पाते, जैसा बाकी लोग कर रहे हैं। तब और महसूस होता है, जब कार्यस्थल पर हमारे बगल में बैठा कोई शख्स हर रोज अपने घंटों पसीना बहाने के किस्से सुनाता हो या यू-ट्यूब अथवा एक्स में जब हम सेलिब्रिटीज को जिम से अपनी टोंड बॉडी के साथ निकलते हुए देखते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की बातें, खबरें उन पर असर डालती हैं, जो चाहकर भी हर दिन व्यायाम नहीं कर पाते। लेकिन ऐसे लोगों के लिए कई खुशखबरियां हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, हम सप्ताह में अगर 150 से 300 मिनट की मध्यम तीव्रता वाली एक्सरसाइज जैसे तेज-तेज चलना, साइकिलिंग या फिर 75 से 150 मिनट तीव्र एक्सरसाइज जैसे दौड़ना आदि कर लें तो भी सेहतमंद रह सकते हैं। कई और शोध अध्ययन भी बताते हैं कि फिट और चुस्त दुरुस्त रहने के लिए हफ्ते में 3 से 4 घंटे की कसरत भरपूर होती है, बशर्ते यह सही तरीके से की गई हो। ‘द जनरल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन’ में छपे एक अध्ययन के मुताबिक हफ्ते में 3 से 4 घंटे की गई एरोबिक और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज से दिल की बीमारियों का 20 से 30 फीसदी खतरा कम हो जाता है।

व्यायाम की प्लानिंग

मगर सवाल है कि हफ्ते में जब 3 से 4 घंटे की एक्सरसाइज करनी हो तो इसकी योजना कैसे बनाएं और कौन-कौन सी एक्सरसाइज करें, जो ज्यादा से ज्यादा फायदेमंद हों? हमें फिटनेस विशेषज्ञों की एक बात याद रखनी चाहिए कि व्यायाम महज शारीरिक श्रम या एक्टिविटीज तक ही सीमित नहीं है, इसमें बेहतर तकनीक, अनुशासन और संतुलन के ज्ञान का भी शामिल होना जरूरी है। क्योंकि जब सही तकनीक के साथ हफ्ते में 3 से 4 घंटे की कसरत की जाती है,तब उसके इस स्तर के फायदे मिलते हैं। गलत तरीके से की गई एक्सरसाइज से चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है और ऐसे लोगों के लिए तो खतरा और भी ज्यादा होता है, जो हफ्ते में इतने कम समय एक्सरसाइज करते हैं। ऐसे लोगों को वजन उठाने की सही पोजीशन का भी ख्याल रखना चाहिए वर्ना पीठ या जोड़ों पर इसका खतरनाक असर हो सकता है।

शुरुआत में बेहतर एक्सपर्ट की सलाह

हर व्यक्ति की शारीरिक संरचना व फिटनेस का स्तर भिन्न होता है। जो व्यायाम एक व्यक्ति के लिए सही होता है, वही दूसरे के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे में जब हमें कम समय एक्सरसाइज से ज्यादा फायदा लेना हो तो किसी एक्सपर्ट से मिलकर अपने लिए सबसे उपयुक्त कसरतों का पता लगाना चाहिए, साथ ही कम से कम शुरुआती ट्रेनिंग तो तो एक्सपर्ट की देखरेख में लें। अनुशासन और धैर्य बनाये रखना बहुत जरूरी है। एक्सरसाइज शुरू करें तो उसे अनुशासन के रूप में अपनाएं और लंबे समय तक इस पर टिके रहें। शारीरिक व्यायाम के साथ कुछ मिनट मानसिक व्यायाम यानी योग आदि के लिए भी निकालें।

दिल की सेहत से गहरा नाता

हफ्ते में महज 3-4 घंटे एक्सरसाइज का हमें सबसे ज्यादा फायदा तब दिखता है, जब हम उसके पहले बिल्कुल ही एक्सरसाइज न करते रहे हों। मसलन, पूरे समय बैठे रहते हैं, तो थोड़ी सी कसरत भी आपके लिए दिल संबंधी रोगों के जोखिम को काफी कम कर देती है। सप्ताह में दो बार अगर एक एक घंटे की साइकिलिंग कर ली या 75 से 150 मिनटों तक तेज वॉक कर ली, तो हृदय संबंधी रोगों से होने वाली मौत का जोखिम 20 फीसदी तक कम हो जाता है। कम कसरत सबसे ज्यादा दिल की सेहत के लिए फायदेमंद होती है। यह भी कि अगर नियमित 3 से 4 घंटे कसरत के लिए निकालते हैं तो धीरे-धीरे खुद ही आपके ये घंटे बढ़ जाएंगे।

छोटी-छोटी कसरतें भी असरकारी

बिल्कुल कसरत न करने की तुलना में 4 घंटे की कसरत बहुत उपयोगी है और अगर आप हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (हिट) जैसी कसरत 30 मिनट के लिए भी करते हैं तो इसका उतना ही फायदा होगा, जो हफ्ते में 3 से 4 घंटे की गई कसरत से मिलता है। दरअसल छोटी-छोटी कसरतें कई बार ज्यादा प्रभावी होती हैं। ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रोल नियंत्रित करने में हर दिन की गई 20 मिनट की हिट एक्सरसाइज हफ्तेभर हर दिन धीरे-धीरे एक घंटे की वॉक करने से बेहतर है। लेकिन कम समय के लिए की गई इस एक्सरसाइज का कार्यक्रम सटीक और वैज्ञानिक हो। मसलन, आपको मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करना है तो आपको वेट लिफ्टिंग और पुशअप्स करने ही होंगे, सप्ताह में कम से कम दो-तीन बार, औसतन एक से सवा घंटे। बहुत कम समय की एक्सरसारइज भी आपको तनाव, चिंता और डिप्रेशन से दूर रखती है। क्योंकि 3-4 घंटे की साप्ताहिक एक्सरसाइज से भी मस्तिष्क में डोपामाइन और एंडोर्फिन हार्मोन इतने रहते हैं कि आपका मूड बेहतर होता है। वहीं आपके मेटाबोलिज्म को तीव्र और स्वस्थ रखती है।

लेकिन हां,जब 3 से 4 घंटे की एक्सरसाइज पूरे हफ्ते में करनी हो तो या तो इसे 45-45 मिनट के हफ्ते में चार सेशन में बांट लें या एक ही दिन तीन से चार घंटे की साइकिलिंग या तेज तेज चलना अथवा स्ट्रेंथ ट्रेनिंग कर डालें। लेकिन स्ट्रेचिंग कुछ मिनट हर दिन करनी चाहिए।

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