घरेलू काम से भी जिम जैसे फायदे
तन-मन की सेहत सुचारु बनाए रखने के लिए व्यायाम जरूरी है पर गृहस्थी में व्यस्तता के चलते महिलाओं को घर पर वर्कआउट करने या जिम जाने का समय नहीं मिलता। ऐसे में हालिया अध्ययन उम्मीद जगाता है कि घरेलू कामकाज और ऑफिस की दौड़भाग वाली गतिविधियां भी सेहत को मेंटेन रखने में वर्कआउट जितनी ही मददगार हैं।
शिखर चंद जैन
मृदुला अपनी कमर के दोनों ओर बढ़ते चर्बी के घेरे से परेशान थी। मोटापे के कारण न सिर्फ उसका शरीर बेडौल होने लगा था बल्कि उसे अपच जैसी समस्याएं भी सताने लगी थीं। फैमिली डॉक्टर उसे कई बार सुबह-शाम वर्कआउट करने के लिए या जिम ज्वाइन करने के लिए कह चुके थे। लेकिन मृदुला को वक्त ही नहीं मिलता था। सुबह बेटे-बेटी को स्कूल भेजती, फिर पति का खाना तैयार करती। फिर ग्यारह बजे हाउसहेल्प आ जाती, उससे कपड़े धुलवाने, बरतन मंजवाने और घर की साफ-सफाई करवाने में एक बज जाता। फिर मृदुला खाना खाती, टीवी देखती और दो घंटे सो जाती। शाम को सोसायटी की कुछ महिलाएं आ जातीं उनसे गपशप करने में 6 बज जाते। फिर डिनर की तैयारी। इस तरह न तो उसे जिम जाने की फुर्सत मिलती और न वर्कआउट करने की।
आज अचानक मुदुला की पुरानी सहेली शैलजा घर आ गई। अपनी बेटी की शादी का इन्विटेशन कार्ड देने। दोनों ने गपशप की। फिर शैलजा ने चलने की इजाजत मांगी, तो मृदुला से पूछे बिना रहा नहीं गया, ‘ सखी, ये तो बता कि तू बेटी को ब्याहने चली लेकिन अभी तक इतनी स्लिम ट्रिम कैसे है? जिम जाती है या वर्कआउट करती है? ’ शैलजा ने हंसते हुए कहा, ‘अरे कहां जिम-विम जाने का मौका मिलता है। बेटा-बेटी और पति सब ऑफिस जाते हैं। इनके ढेर सारे काम और फिर घर का काम... टाइम कहां है?’ मृदुला ने पूछा, ‘घर का काम तो हाउसमेड करती होगी?’ शैलजा बोली, ‘ ना-ना। घर की साफ-सफाई से लेकर बरतन और कपड़े धोने तक का काम मैं ही करती हूं। यही तो है मेरी फिटनेस और स्वस्थ रहन का राज़। घर के कामकाज करने का फायदा भी जिम जाने जितना ही मिलता है। अब तो हेल्थ एक्सपर्ट भी यह मानने लगे हैं।
व्यायाम जैसा लाभ घरेलू काम का
हाल ही में एक अध्ययन में भी सामने आया है कि घरेलू कामकाज का फायदा जिम जाने या रोजाना वर्कआउट जितना ही मिलता है। बिस्तर लगाने, घर साफ करने और बाजार से साग-सब्जी या घरेलू सामान लाने से भी काफी कैलोरी बर्न होती है और इन कामों में फिजिकल मूवमेंट्स भी काफी हो जाती है। एक फिटनेस ट्रेनर के मुताबिक, आप वर्किंग वूमन हों या होममेकर, अगर वर्कआउट के लिए समय नहीं निकाल पातीं, तो अपनी दिनचर्या में से वो पल या काम ढ़ूंढ़ निकालें जिससे आप फिजिकल मुवमेंट्स में इन्वॉल्व रह सकती हैं। बस, किसी तरह की शारीरिक असुविधा को ध्यान में रखते हुए वर्कआउट करें।
कामकाजी भागदौड़ भी फायदेमंद
रागिनी को एक्सरसाइज का टाइम नहीं मिलता, तो उसने एक अलग तरीका ढूंढ़ निकाला है। घर से ऑफिस जाते समय बस से एक स्टॉपेज पहले उतर कर पैदल जाती है, इसी प्रकार आते समय भी घर से एक स्टॉपेज पहले उतर जाती है। चौथी मंजिल पर स्थित ऑफिस औऱ तीसरी मंजिल पर फ्लैट में जाने के लिए लिफ्ट के बजाय सीढ़ियों से ऊपर जाती है। इसी तरह आराधना घरेलू सामान की खरीद एक साथ नहीं करतीं। बल्कि सुबह-शाम बाजार की ओर निकल जाती है और ताजा साग-सब्जी, फल व ग्रोसरी की खरीद थोड़ी-थोड़ी मात्रा में करती है। रिक्शा का उपयोग नहीं करतीं बल्कि पैदल जाती है।
शारीरिक दिक्कतों में राहतकारी घरेलू काम
सुप्रिया बोस 50 वर्षीय टीचर हैं। उनके घुटनों में दर्द रहता है। वे कभी जिम नहीं गईं लेकिन कुकिंग, ईटिंग, बिस्तर लगाने और पोंछा लगाने जैसे काम करती हैं। स्ट्रेचिंग से उनके घुटनों को आराम मिलता है, इसके लिए वे सिलाई मशीन लेकर बैठती हैं, तो स्ट्रेचिंग कर लेती हैं। इसी तरह घुटने ठीक हों तो बैठकर पोंछा लगाना भी अच्छी एक्सरसाइज है।’ कपड़े धोना-निचोड़ना, सिलबट्टे पर मसाला पीसना आदि भी अच्छी एक्सरसाइज हैं। इसी प्रकार बागवानी करने से भी तन और मन दोनों फिट रहते हैं।
एक्टिविटीज के मुताबिक कैलोरी बर्न
बैग,कार्टन आदि 30 मिनट तक लेकर रखना या 40 मिनट गोल्फ खेलना एक समान है। इससे 190 कैलोरी बर्न होती है। वहीं 30 मिनट तक वॉल पेंटिंग करना या 25 मिनट तक वॉकिंग करना एक जैसी एक्सरसाइज है। इससे 160 कैलोरी बर्न होती है। इसी तरह 30 मिनट की डस्टिंग और 10 मिनट की सालसा डांसिंग से बराबर 50 कैलोरी बर्न होती है। यह भी कि 30 मिनट आयरन करने या 11 मिनट स्टेप एरोबिक्स से 71 कैलोरी बर्न होती है। इसी प्रकार 30 मिनट तक घर की सफाई या 21 मिनट का पॉवर योगा एक जैसी कैलोरी यानी 125 कैलोरी बर्न करता है। वहीं 30 मिनट वैक्यूम क्लीनिंग या 15 मिनट की किक बॉक्सिंग के एक से फायदे हैं। इनसे 90 कैलोरी बर्न होती है।