वेनिस, इटली का अनोखा शहर, 118 टापुओं और 150 नहरों से मिलकर बना है। यहां सड़कों की जगह पानी की राहें हैं, और गाड़ियों की जगह गंडोला चलते हैं। रिआल्टो ब्रिज, सेंट मार्क्स स्क्वेयर जैसी जगहें इसकी खूबसूरती का हिस्सा हैं। हर मोड़ पर इतिहास और रोमांस बसा है।
अमिताभ स.
नहरों की गलियों में बोटिंग के जरिए खास किश्ती गंडोला पर बैठ कर आना-जाना इटली के शहर वेनिस की खूबसूरती बयान करता है। बॉलीवुड और हॉलीवुड की कई फिल्मों में वेनिस की हसीन अदाओं से रू-ब-रू होने का मौका हर किसी को मिला होगा। वर्ष 1970 के दशक की बॉलीवुड फिल्म ‘द ग्रेट गेम्बलर’ में गंडोला राइड पर अमिताभ बच्चन और जीनत अमान का गीत—
‘दो लफ़्ज़ों की है दिल की कहानी...
ये कश्ती वाला क्या गा रहा था
कोई इसको भी याद आ रहा था...’
के जरिए ज्यादातर हिन्दुस्तानियों को शायद पहले पहल रोमांस की हवा से सराबोर वेनिस के जलवों के दीदार हुए। वेनिस के मार्को पोलो इंटरनेशनल एयरपोर्ट से निकलते ही नीला सागर और दिलरुबा हवाएं मानो बुलाती लगती हैं। वहां से वॉटर टैक्सी के जरिए वेनिस शहर में जाना किसी फिल्मी सीन का हिस्सा लगता है। ज्यों ही पुरानी हेरिटेज इमारतों से घिरी तमाम लहरों पर होते हैं, तो लगता है कि बिल्कुल किसी अलग दुनिया में उतर आए हैं।
वेनिस का लव नेम यानी प्यारा नाम ‘द ग्रेंड ओल्ड लेडी’ भी है। हालांकि पता नहीं कि शहर कितना पुराना है। असल में, पड़ोसी रोमन शहरों के रिफ्यूजियों को बसाने के लिए यहां लकड़ी के तख्ते बिछा- बिछा कर डेरे डाले गए थे। फिर जल्दी ही शहर रिपब्लिक ऑफ वेनिस कहलाने लगा। यह शुरुआती दौर की आर्थिक राजधानियों में भी शुमार रहा है। 18वीं सदी के अंत में, लंबी चली जंग के बाद वेनिस इटली का हिस्सा बन गया।
पूरा मज़ा पैदल ही
वेनिस की सैर का पूरा लुत्फ पैदल ही लिया जा सकता है। सैर का पहला पड़ाव है रिआल्टो ब्रिज। यह प्रेमी युगलों के लिए सबसे रोमांटिक स्थल है। नीचे ग्रैंड केनाल बहती है और ऊपर रोमांस का दिलकश पुल है। पुल सफेद रंग का है और ग्रैंड केनाल पर बना सबसे मशहूर पुल यही है। इसके डिजाइनर एंटोरियो दा पोटें थे। शुरुआत से अब तक पूरा का पूरा पुल पत्थर का बना है। बताते हैं कि रिआल्टो ब्रिज वेनिस का सबसे पुराना पुल है और 4 सदियों से शान से खड़ा है। और फिर, वेनिस के सबसे ज्यादा हिस्सों से गुजरती नहर भी तो ग्रैंड केनाल ही है।
वेनिस के बड़े आकर्षणों में शुमार है सेंट मार्क’स स्क्वेयर। इसे वेनिस के बीचोंबीच लम्बा चौड़ा आंगन कह सकते हैं। चारों ओर गलियारे हैं, जहां दुकानें, रेस्टोरेंट्स, बैंक वगैरह हैं और बीच में खुली जगह पर सफेद कबूतरों का जमघट जादुई लगता है। एकदम परफेक्ट फोटो शूट लोकेशन कह सकते हैं। यहीं दुनिया की सबसे ज्यादा फोटो खींची जाती हैं। यही पिआजा सेन मार्को भी कहलाता है। रईसी वाली ख़रीदारी के लिए यहां के अलावा डोज’स पैलेस और सेंट मार्क’स बसीलिका भी यहीं हैं। स्क्वेयर को छूती रंग- बिरंगी सजी- धजी गलियों के भी क्या कहने। दोनों तरफ छोटी- छोटी दुकानें हैं- लग्ज़री ब्रांडों से लेकर छोटे- मोटे तोहफे की शॉपिंग भी कर सकते हैं।
कई टापू, कई नहरें
वेनिस छोटे- छोटे टापुओं को मिलाकर बना हैं। टापुओं में लीडो, मुरानो, लामून, बुरानो, टार्सेलो वगैरह ऐसे हैं, जैसे कॉलोनियों के नाम होते हैं। वेनिस से ज़रा- ज़रा दूरी पर मुरानो और बुरानो आइलैंड्स भी देखने लायक हैं। मुरानो कांच के कलात्मक आइटमों के लिए विश्व विख्यात है। गली- गली और कोने-कोने में कांच के आर्ट पीस बनाने के छोटे-छोटे कारखाने हैं। आंखों के सामने कांच के बर्तन, फूलदान वगैरह लाइव बनते देखना दिलचस्प है। उधर बुरानो तो फिशिंग विलेज है। कतार से खड़े पुराने- पुराने मकानों का रंग- ढंग देखने लायक है। ऐसा लगता है कि मानो यहां सारा साल रंगों का उत्सव चल रहा है।
कारें कम, गंडोला ज्यादा
वेनिस की बड़ी खास बात है कि आज भी यहां कारें नहीं दौड़तीं। एक जगह से दूसरी जगह पैदल ही जाना पड़ता है। या फिर, नहरों के रास्ते गंडोला पर सवार हो कर आ-जा सकते हैं। इसी बेमिसाल चरित्र के चलते वेनिस दुनिया का सबसे पहला पर्यटक शहर बन कर उभरा है। इसकी खूबसूरती और मौज-मस्ती पर फिदा हो कर, यूरोप के तमाम देशों से लोग बढ़-चढ़कर घूमने आने लगे। साल 1950 और 1960 के दशक के दौरान, अमेरिकियों ने भी वेनिस की ओर रुख़ किया। फिर 1990 का दशक आते-आते एशियाई देशों के लोग कमाने और घूमने के शौकीन हुए, तो वेनिस उमड़ने लगे।
नहरों के शहर में चप्पे-चप्पे पर गंडोला स्टैंड हैं। सबसे बड़ा गंडौला स्टैंड रिआल्टो ब्रिज के पास है। गंडोला के जरिए वेनिस की सैर करने में करीब 50 मिनट लगते हैं। गंडोला बस सर्विस की तरह भी है। इसमें बैठने की बजाए खड़े-खड़े नहरों का सफर करते हैं। यह एक तय स्थल से दूसरे तय स्थल पर पहुंचती है- बिल्कुल वैसे जैसे अपनी शहरों की बस सर्विस होती है।
बेहद हसीन, लेकिन भीड़भाड़
सैर-सपाटे के लिहाज से, दुनियाभर में वेनिस जैसी हसीन और दिलकश जगहें कम ही हैं। वहां पहुंचते ही लगता है कि सपनों के शहर में हैं। बेइंतिहा खूबसूरती के दम पर, वेनिस कलात्मक शहर लगता है, न कि कोई मामूली शहर। यहां क्षमता से कहीं गुना ज्यादा पर्यटक एक ही वक्त पर उमड़ते हैं- होटलों में 2 लाख के रहने की जगह है, जबकि हर साल 3 करोड़ से ज्यादा सैलानी यहां आते-जाते हैं। ज्यादातर डे टूर ही करते हैं। इसलिए हर तरफ खचाखच भीड़ का आलम छाया रहता है।
बेमिसाल वेनिस
l वेनिस यूरोपीय देश इटली का टापू शहर है।
l वेनिस शहर हर साल 2 मिलीमीटर घंस रहा है।
l 118 छोटे- छोटे टापुओं से बना है और टापुओं को जोड़ते 417 पुल हैं, जिनमें से 72 पुल तो प्राइवेट लोगों के है। बीच-बीच में, 150 नहरें बहती हैं।
l वेनिस की पहली महिला गंडोला चालक 2010 में मिली है। इससे पहले गंडोला चलाने वाले सभी पुरुष थे। जिओर्जिया बॉसकोलो नामक महिला चालक को सार्जेंट की परीक्षा पास करने के बाद गंडोला चलाने का अधिकार मिला।
l वेनिस की सबसे तंग गली कालेटा वरिस्को है। इसकी चौड़ाई केवल 53 सेंटीमीटर है।
l यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट होने वाली दुनिया की पहली महिला वेनिस से ही थी। नाम था एलीना पिस्कोपिया।
दूरी और करेंसी
दिल्ली से करीब साढ़े 8 घंटे की उड़ान से इटली की राजधानी रोम उतरते हैं। रोम से बस या ट्रेन से फ्लोरेंस पहुंचने में करीब 2 से 3 घंटे लगते हैं, आगे फ्लोरेंस के सेंट लूसिया नेवेलिया रेलवे स्टेशन से महज 2 घंटे के यूरो ट्रेन सफर से वेनिस के सेंटा मारिया स्टेशन पर होते हैं।
हवाई जहाज़ से भी वेनिस के मार्को पोलो एयरपोर्ट पर उतर सकते हैं। वाटर टैक्सी के जरिए भी आ-जा सकते हैं। यूं भी, वाटर टैक्सी से पहुंचना सबसे मजेदार है।
करेंसी यूरो है। आजकल एक यूरो करीब 100 रुपये का है।