पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट की इस चिंता से सहमत हुआ जा सकता है कि समारोहों और अपराध में लाइसेंसी हथियारों का खूब इस्तेमाल हो रहा है। तंत्र की लापरवाही से उपजे हालात से खिन्न न्यायाधीश को कहना पड़ा कि पंजाब में लाइसेंसी हथियार जारी करने की कोई गाइड लाइन है? दरअसल, कोर्ट की पहल पर 13 नवंबर, 2022 को पंजाब सरकार द्वारा जारी आदेश में सार्वजनिक स्थानों तथा सोशल मीडिया पर फायर आर्म्स के उपयोग व प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन इसके बावजूद कई जगहों पर सोशल मीडिया पर हथियारों के प्रदर्शन के मामले प्रकाश में आए थे। इतना ही नहीं शादी-विवाह व निजी कार्यक्रमों में ‘हर्ष फायरिंग’ के मामले भी अक्सर देखे जाते रहे हैं। निश्चित रूप से आग्नेय हथियारों का अविवेकशील उपयोग कभी भी दुर्घटनाओं को जन्म दे सकता है। वहीं हथियारों के उपयोग में सावधानी न बरते जाने से सार्वजनिक स्थलों में दुर्घटना की गुंजाइश लगातार बनी रहती है। लेकिन कोर्ट के आदेश व सरकार के प्रयासों के बावजूद इन परिस्थितियों पर अंकुश नहीं लग रहा है। जिसके चलते कोर्ट को सख्त टिप्पणी करने को मजबूर होना पड़ा है। इस बाबत हाईकोर्ट ने पंजाब के डीजीपी से सवाल किये कि क्या आर्म्ड लाइसेंस जारी करने मे शस्त्र अधिनियम 1959 के तहत कोई प्रोटोकॉल, दिशा-निर्देश या मानदंड निर्धारित हैं? पिछले पांच वर्ष में कितने आर्म्ड लाइसेंस जारी किये गये हैं? साथ ही स्पष्ट किया जाना चाहिए कि ये हथियार किस मकसद से जारी किये गए हैं?
दरअसल, यह विडंबना ही है कि शासन-प्रशासन के स्तर पर ऐसे गंभीर व संवेदनशील मुद्दों पर पहल होनी चाहिए, उसकी याद हाईकोर्ट को दिलानी पड़ रही है। सत्ताधीश लोकलुभावन राजनीति के चलते समाज के अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों को नजरअंदाज करते हैं। यही वजह है कि हाईकोर्ट को पूछना पड़ा कि 13 नवंबर, 2022 से प्रत्येक जिले में फायर आर्म्स के प्रदर्शन की जांच के लिये कितनी अचानक विजिट की गई? दरअसल, इस मुश्किल वक्त में जब लोग छोटी-छोटी बात पर आवेशित होकर हथियार निकाल लेते हैं, हथियारों का नियमन बेहद संवेदनशील ढंग से किया जाना चाहिए। वहीं दूसरी ओर हथियारों के लाइसेंस जारी करवाने के खेल में जो बिचौलियों की भूमिका होती है, उसे खत्म करने की दिशा में गंभीर प्रयास किये जाने चाहिए। साथ ही उन विभागीय काली भेड़ों की भी जांच हो जो लेनदेन करके अपात्र व्यक्तियों व संदिग्ध चरित्र के व्यक्तियों को लाइसेंस दिलाने में कामयाब हो जाते हैं। साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील सीमावर्ती पंजाब में अवैध हथियारों की बरामदगी के लिये विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए। जो समाज व कानून व्यवस्था के लिये बेहद घातक साबित हो रहे हैं। पड़ोसी देश से ड्रोन के जरिये हथियार गिराने के अनेक मामलों के बाद हमें खतरनाक मंसूबों के प्रति सतर्क रहना जरूरी है। इस गंभीर स्थिति की निगरानी के लिये पुलिस व सीमा सुरक्षा बलों को अवैध हथियारों की बरामदगी के लिये सघन अभियान चलाने की जरूरत है।