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दुनिया सारी न्यारी, पड़ी सुपारी भारी

तिरछी नज़र
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शमीम शर्मा

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है तो बड़े कमाल की बात कि जेल में बैठे अपराधी किसी की भी सुपारी देकर शूटर तक का इंतजाम कर लेते हैं। कोई भी बेचारा इन शूटरों की गोलियों की भेंट चढ़ जाता है और फिर किसी अन्य के नाम की सुपारी की तैयारी होने लगती है। अपराधियों का कॉन्फिडेंस कमाल का है। मनचाही फिरौती, मनचाही सुपारी। कोई डर-भय नहीं, किसी की परवाह नहीं। अब कैसे पता लगायें कि कौन अपनी मुट्ठी में सुपारी लिये फिरता है। आम आदमी तो पान से सुपारी का नाता जानता है। या इतना जानता है कि सुपारी पूजा-पाठ में रखी जाती है।

एक बार एक चूहा घूमता हुआ फौजियों के कैंप में चला गया। उसने सुना कि एक फौजी अपने जवानों को मोटिवेट करने के लिये कह रहा है- दुश्मन कितना भी ठाडा हो, घबराना नहीं चाहिये। काॅन्फिडेंस किसी भी फन्नेखां को हरा सकता है। काॅन्फिडेंस न हो तो कमजोर दुश्मन भी हमें हरा सकता है। कॉन्फिडेंस का बीज दिमाग में लेकर चूहा जब जंगल लौट रहा था तो उसने देखा कि एक गीदड़ की टांग पर हाथी का जरा-सा पंजा टिक गया। गुस्से में वो हाथी को काटने दौड़ा तो हाथी ने उसे सूंड में उठाकर दूर फेंक मारा। गीदड़ ने हाथी को सबक सिखाने की ठानी। बदला लेने के लिये उसने एक भेड़िये को हाथी की सुपारी देनी चाही पर वो इनकार कर गया। लक्कड़बग्घा भी हाथी से वैर लेने को राजी नहीं हुआ। बात चूहे तक पहुंची। उसने झट हाथी के नाम की सुपारी ले ली। भेड़िया और लक्कड़बग्घा ताली बजा-बजा हंसने लगे। पर चूहा फुल कॉन्फिडेंस में। उसने अपनी प्लान बना ली। जिस पहाड़ी के नीचे से हाथी गुजरने वाला था, वहां पहुंच कर वो जमीन पर पंजे रगड़ कर स्पीड बनाने लगा और झट हाथी की पीठ पर कूदकर बोला- तुझे मैं बताऊंगा आज। यह सुनकर हाथी को लगा आज तो खतरे की घंटी बज गई और वो डरकर भागने लगता है। चूहा वहीं ठहर गया। गीदड़, भेड़िया और लक्कड़बग्घा भागकर उसके पास आये और पूछने लगे- ये करामात कैसे दिखाई? चूहा बोला- भाई सारा सौदा कॉन्फिडेंस का है।

आज हमारी युवा पीढ़ी अपने काॅन्फिडेंस का नेगेटिव उपयोग करने जुटी हुई है। वरना ऐसा क्या है जिसे वे अपने आत्मविश्वास से हासिल नहीं कर सकते। खुद पर यकीन हो तो अंधेरे में भी रास्ता मिल जाता है। बस रास्ता सही होना चाहिए।

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एक बर की बात है अक एक कती सिंगल हड्डी मरियल-सा छोरा मेले मैं चला ग्या। मेले मैं उसकी निगाह एक टैटू बनाणिये पै पड़ी तो उस धोरै जाकै बोल्या- मेरी बाज्जू पै एक शेर छाप दे। टैटू आला भाई बोल्या- भाई तेरी बाजू पै शेर आवै तो कोनीं, तू सांप की बामणी छपवा ले।

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