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क्रिकेट राजनीति की पिच पर पाक को फिर शिकस्त

हाइब्रिड मॉडल में चैंपियंस ट्रॉफी
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हरीश मलिक

क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है, लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) राजनीति की पिच पर हार सुनिश्चित होने के बावजूद खेल खेलने में लगा है। पाकिस्तान के हुक्मरानों की शह पर वह जो चालें चल रहा है, उसमें खुद ही फंसकर रह गया है। अगले साल पाकिस्तान में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पीसीबी क्रिकेट में सियासत की बिसात बार-बार बिछाने में लगा है। यह अलग बात है कि इस चौसर पर वह खुद चारों खाने चित है। पहले दुनियाभर का ध्यान खींचने के लिए पीसीबी ने चैंपियंस ट्रॉफी का टूर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के शहरों में कराने का ऐलान किया। इसके साथ ही वह इस जिद पर अड़ा था कि भारत को पाकिस्तान आकर ही इस ट्रॉफी में खेलना होगा। अब दोनों ही मोर्चों पर भारत, इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) और ब्रॉडकास्टर्स के तिहरे दबाव के बाद पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी है।

भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान जाकर खेलने से पहले ही साफ इनकार कर दिया है। सुरक्षा कारणों से पहले भी कई देश पाकिस्तान का दौरा रद्द कर चुके हैं। दरअसल, 2009 में श्रीलंकाई टीम पाकिस्तान के दौरे पर थी। सीरीज का पहला मैच 21 से 25 फरवरी तक कराची में खेला गया था, जो ड्रा रहा। दूसरा मैच लाहौर में 1 मार्च से 5 मार्च तक खेला जाना था, लेकिन इसी बीच 3 मार्च को श्रीलंकाई टीम पर आतंकी हमला हो गया। इसके बाद दुनियाभर की टीमों ने खेलने के लिए पाकिस्तान जाने से मना कर दिया था। सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए 2021 में न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम पाकिस्तान दौरे पर आकर बगैर कोई मैच खेले, वापस लौट गई थी। इसके बाद इंग्लैंड ने पाकिस्तान दौरे पर अपनी महिला और पुरुष टीमों को भेजने का फैसला रद्द कर दिया। भारतीय क्रिकेट टीम तो पिछली बार 2008 में एमएस धोनी की अगुवाई में पाकिस्तान गई थी। इसी साल नवंबर में मुंबई पर आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान में क्रिकेट खेलने से मना कर दिया था। तब से दोनों टीमें सिर्फ आईसीसी और अन्य इंटरनेशनल टूर्नामेंट्स में ही भिड़ती हैं।

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अब काफी जद्दोजहद और 29 साल के बाद पाकिस्तान को किसी आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी का मौका मिला है। इसके बावजूद पाकिस्तान अपनी नापाक करतूतों से बाज नहीं आ रहा है। दरअसल, सुरक्षा कारणों के चलते बीसीसीआई ने आईसीसी से अपने मैच हाइब्रिड मॉडल के तहत किसी दूसरे देश में कराने का आग्रह किया था। लेकिन पीसीबी लगातार हाइब्रिड मॉडल अपनाने से मना करता रहा है। इस पर आईसीसी ने साफ कहा कि पाक की जिद के चलते चैंपियंस ट्राफी को ही रद्द किया जा सकता है। क्योंकि भारत के बगैर क्रिकेट के किसी वैश्विक टूर्नामेंट की कल्पना ही नहीं की जा सकती। भारत और आईसीसी के अलावा मैच के ब्रॉडकास्टर्स ने भी पाक पर दबाव बनाया है कि उसे इस बात को बिल्कुल इश्यू नहीं बनाना चाहिए कि भारतीय टीम पाकिस्तान नहीं आ रही है। टूर्नामेंट रद्द होने का सबसे ज्यादा आर्थिक नुकसान पाक को ही उठाना पड़ेगा।

दरअसल, ब्रॉडकास्टर्स का आईसीसी के साथ 2024 से 2027 तक के सभी टूर्नामेंटों के लिए 3 बिलियन डॉलर (करीब 2534 करोड़ रुपये) का करार है। यदि चैंपियंस ट्रॉफी स्थगित होती है तो ब्रॉडकास्टर्स को करोड़ों रुपये का नुकसान होगा। बता दें कि 2023 वनडे विश्व कप से ब्रॉडकास्टर्स को 3000 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई हुई थी। ब्रॉडकास्टर्स ने आईसीसी पर दबाव बनाया कि टूर्नामेंट का आयोजन किसी भी हाल में होना चाहिए, फिर भारतीय टीम चाहे किसी और देश में खेले। आईसीसी ने पीसीबी के अधिकारियों को साफ तौर पर कहा कि उसे अड़ियल रवैये के बजाय इस टूर्नामेंट से होने वाले मुनाफे के बारे में सोचना चाहिए। गौरतलब है कि 2023 वनडे विश्व कप में बीसीसीआई को करीब 11,637 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी। इसी प्रकार 2022 टी-20 विश्व कप में 358 करोड़ रुपये से अधिक का फायदा क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को हुआ था।

अभी कुछ समय पहले तक पाकिस्तान के कई पूर्व क्रिकेटर भी सोशल मीडिया पर हाइब्रिड मॉडल नहीं अपनाने और टूर्नामेंट का बहिष्कार करने की मांग कर रहे थे, लेकिन अब आर्थिक नुकसान के आंकड़े देखते हुए उनके भी सुर बदलने लगे हैं। आखिरकार ना-नुकर कर रहे पाकिस्तान को घुटने टेकने ही पड़े हैं। अब इस बात पर करीब-करीब सहमति बन गई है कि भारत के मुकाबले हाइब्रिड मॉडल पर यूएई में होंगे। इसके अलावा सेमीफाइनल और फाइनल वहीं कराए जाएंगे, क्योंकि यदि भारत यहां तक का सफर तय कर लेता है तो फिर विवाद की स्थिति को टाला जा सकता है।

हाइब्रिड मॉडल पर अड़ंगे के अलावा पाकिस्तान ने खेल में राजनीति करते हुए विवादित पीओके का मुद्दा गरमा दिया था। पीसीबी ने चैंपियंस ट्रॉफी का 24 नवंबर तक का टूर घोषित किया। पीसीबी ने एक पोस्ट में कहा, ‘तैयार हो जाओ, पाकिस्तान। आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी-2025 का टूर इस्लामाबाद से शुरू होगा, जिसमें स्कार्दू, मुरी, हुंजा और मुजफ्फराबाद जैसे दर्शनीय पर्यटन स्थलों का भी दौरा किया जाएगा।’ पीसीबी ने जानबूझकर दुनिया का ध्यान खींचने के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के इन चारों शहरों को टूर में शामिल किया। भारत का कहना रहा है कि यह हमारे देश का हिस्सा हैं, जिस पर पाकिस्तान ने कब्जा जमाया हुआ है।

ऐसे में विवादित क्षेत्र में जान-बूझकर चैंपियंस ट्रॉफी टूर ले जाने को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता था। इसलिए भारत ने इस पर सख्त आपत्ति दर्ज की। इसके साथ ही बीसीसीआई ने तत्काल आईसीसी को दखल देकर पीओके में टूर पर रोक लगाने की मांग की। आईसीसी ने चैंपियंस ट्रॉफी के पीओके के टूर पर न सिर्फ रोक लगा दी है, बल्कि इसे रि-शेड्यूल करने के लिए भी कहा है। बहरहाल, पाकिस्तान की भारत-विरोधी सारी नापाक कोशिशों पर पानी फिर गया है।

लेखक वरिष्ठ संपादक हैं।

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