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दादा के ‘ट्रंप’ कार्ड, फिजाएं हो चलीं हार्ड

व्यंग्य/तिरछी नज़र
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मनोज वार्ष्णेय

भूमंडल की सभी दिशाओं, तीनों लोकों और हवा के हर झोंके में अब ट्रंप दादा नम: गूंज रहा है। हर देश की सीमा से लेकर गांवों तक सभी जगह चर्चा है तो सिर्फ ट्रंप दादा की। भारत हो या पाकिस्तान, चीन हो या अफगानिस्तान, रूस हो या फिर यूक्रेन सभी उनकी बंदगी में हाजिरी देने जा रहे हैं। ट्रंप दादा के साथ उनके दोस्त एलन मस्क को देखकर तो सबके मन मचल उठे हैं। हर देश के बच्चों को लग रहा है कि एक दिन हमारे पापा भी ऐसे ही कंधे पर बिठाकर हमें ट्रंप दादा के आफिस में घुमाने ले जाएंगे। अपने मोदी जी तो मिल ही आए दादा के दोस्त के बच्चों से। पुतिन जी ने तो फोन पर ही बात कर ली, पता नहीं वे पहले मिलने पहुंचते या उनके दुश्मन उनसे पहले ही मिलने पहुंच जाते हैं। लिहाजा जब मिलेंगे तब की तब देखी जाएगी अभी पहले दादा को बधाई तो दे ही दी।

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पुतिन की देखा-देखी यूक्रेनी राष्ट्रपति ने भी कह दिया कि वह भी दादा के साथ हैं, बस वह युद्ध बंद करा दें और उनका हक दिलवा दें। दादा है कि वह अपनी हुंकार ही भर रहे हैं। कहा भी गया है कि दुनिया झुकती है, बस झुकाने वाला चाहिए। उधर दादा किसी से नहीं डर रहे। जोर से चिल्लाकर कह दिया कि भारत को पैसे चाहिए ही नहीं थे और उसे जबरदस्ती पैसे दे दिए गए। भारत ही क्यों ट्रंप दादा ने तो अफगानिस्तान के हुकुमरानों से भी कह दिया है कि जो हथियार हम छोड़कर आए थे वह वापस कर दो।

दादा को पता चला था कि अफगानिस्तानी राजा अमेरिका के हथियारों से पाकिस्तान को डरा रहे हैं। वैसे राजाओं की बात छोड़ दें तो सारे देशों की प्रजा भी सहमी हुई है। पता नहीं कब किस देश के डंंकी रूट प्रेमी नागरिकों को हवाई जहाज में भरकर उसके देश भिजवा दें और कहें- यह लीजिए अपनी रेजगारी, हमारे यहां नहीं चलेगी। चीन वाले भी डरे हुए हैं, वह देख रहे हैं कि ट्रंप दादा जिसे कह देते हैं कि वह उनका दोस्त है, वह उन्हें आंखें दिखाने लगता है। चीन पर जैसे ही दादा ने टैरिफ बढ़ाया वैसे ही उसके होश फाख्ता हो गए। वह लग गया कि किसी तरह से दादा के दोस्त एलन मस्क को पटा ले तो फिर अपनी भी बल्ले-बल्ले।

अब दादा ने जैसे ही यह कहा कि गोल्डन कार्ड मिल जाएगा बस आप तो 44 करोड़ रुपए दे दो, सारी दुनिया के अरबपति खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। खुद के साथ ही अपने दोस्तों को भी गोल्डन कार्ड दिलवा देंगे। अहसान का अहसान, काली रकम भी सफेद हो जाएगी। बेटा पढ़ाई में ढक्कन पर पापा ने दिए 44 करोड़ और पुत्र हो गया अमेरिकी। जब इतना कुछ है तो भला हर कोई क्यों नहीं कहेगा श्री ट्रंप दादा नम:।

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