मोरनी में पानी की कमी का होगा समाधान, पहुंची तकनीकी टीम
मोरनी, 16 मई (निस)
मोरनी इलाके में जल्द पीने के पानी की कमी दूर हो जाएगी। जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मोरनी में कई स्थानों का दौरा करके वहां टयूबवेल लगाने पर सर्वे किया। चीफ इंजीनियर राजीव वातिश, सुप्रिंटेंडेंट अरविंद रोहिला, एक्सईएन समीर शर्मा और जेई पराग कौशिक की टीम ने टिक्कर ताल, छामला और बड़ीशेर आदि एरिया में पानी की कमी पूरी करने के लिए स्रोत तलाशे। मोरनी में काफी वर्षों से पानी की कमी सामने आ रही है।
पानी की किल्लत से परेशान लोगों ने इसी सप्ताह मोरनी में रोड पर खूब प्रदर्शन किया था और सड़क पर जाम कर दी थी। अधिकारियों ने इस समस्या के समाधान के लिए तकनीकी अधिकारियों की एक टीम की ड्यूटी मोरनी में लगाकर इसके समाधान के आदेश दिए थे। अधिकारियों ने टिक्कर ताल में सर्वे करवाकर एक ट्यूबवेल लगाकर मोरनी में पानी आपूर्ति करने के उपाय पर विचार किया। टिक्कर ताल में लगे मौजूदा ट्यूबवेल से हालांकि विभाग ने मोरनी को पानी देने की योजना बनाई थी लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के बाद इस पर काम नहीं हो सका। इसी तरह बड़ीशेर एरिया में भी सर्वे करवाया जाएगा ताकि अधिक पानी उपलब्ध हो सके।
इसके अतिरिक्त छामला की घग्घर नदी के कुंडों में से भी गर्मी में स्टोर रहने वाले पानी को बड़े टैंक में ले जाकर लोगों को पानी देने की योजना बनाई। इसके लिए जेई सर्वे करके रिपोर्ट तैयार करेंगे। मोरनी जल घर पर एक बड़ा टैंक बनाया जाएगा ताकि आपात स्थिति में मोरनी क्षेत्र में पानी की कमी न हो। मोरनी के गांवों में पानी के जहां भी स्रोत्र हों वहां से भी सर्वे करवाकर ट्यूबवेल लगाने की तैयारी विभाग करेगा। छामला नदी पर लोगों की पुराने मांग है कि डैम बनाकर मोरनी इलाके में कृषि और पीने के पानी की समस्या सुलझाई जाए।