PGI के फिजियोथेरेपिस्ट्स की चेतावनी: 15 दिन में मांगें नहीं मानीं तो होगा प्रदर्शन
स्वतंत्र विभाग की बहाली और शिक्षण पदों के सृजन की मांग
विवेक शर्मा/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 28 मई
PGIMER, चंडीगढ़ के फिजियोथेरेपिस्ट्स ने कार्यस्थल के बिगड़ते माहौल और वर्षों से लंबित मांगों को लेकर संस्थान प्रशासन को स्पष्ट चेतावनी दी है। फिजियोथेरेपिस्ट्स एसोसिएशन ने निदेशक को एक स्मरण-पत्र सौंपते हुए कहा है कि यदि 15 दिनों के भीतर उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे। विरोध की शुरुआत काली पट्टियां बांधकर ड्यूटी करने से होगी, और इसके बाद निदेशक कार्यालय के बाहर 'सिट-इन' धरना दिया जाएगा।
तीन ज्ञापनों के बाद भी नहीं हुई सुनवाई
एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार सरकार और महासचिव लोकेश भारद्वाज ने पत्र में उल्लेख किया है कि इससे पूर्व 25 अप्रैल, 15 मई और 26 मई को तीन ज्ञापन प्रशासन को सौंपे जा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। पत्र में कहा गया है कि वर्तमान में विभाग का माहौल अत्यंत तनावपूर्ण हो गया है, जिससे कई कर्मचारी मानसिक दबाव में हैं और कार्यकुशलता पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
वर्षों से अनदेखी की जा रही मांगें
फिजियोथेरेपी को मिले स्वतंत्र विभाग का दर्जा
एसोसिएशन का कहना है कि फिजियोथेरेपी को पुनः एक स्वतंत्र विभाग के रूप में स्थापित किया जाए। वर्तमान में इसे PRM विभाग में विलय कर दिया गया है, जिससे फिजियोथेरेपी की विशिष्ट पहचान, कार्यदायित्व और विकास की संभावनाएं प्रभावित हो रही हैं।
शिक्षण पदों का शीघ्र सृजन हो
फिजियोथेरेपिस्ट्स के लिए लेक्चरर और असिस्टेंट प्रोफेसर जैसे शिक्षण पद वर्षों से लंबित हैं। एसोसिएशन का आरोप है कि इन पदों से संबंधित फाइलें वर्षों से प्रशासनिक मेजों पर धूल खा रही हैं। ऐसे पदों का सृजन न केवल अकादमिक मजबूती देगा, बल्कि विभाग का भविष्य भी सुरक्षित करेगा।
चरणबद्ध विरोध की योजना
यदि 15 दिनों के भीतर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती, तो एसोसिएशन दो चरणों में शांतिपूर्ण विरोध शुरू करेगी:
- पहला चरण: सभी फिजियोथेरेपिस्ट्स काली पट्टियां पहनकर ड्यूटी करेंगे और बीपीटी छात्रों की कक्षाएं स्थगित की जाएंगी।
- दूसरा चरण: इसके बाद ड्यूटी समाप्त होने पर निदेशक कार्यालय के बाहर 'सिट-इन' धरना दिया जाएगा।
एसोसिएशन ने स्पष्ट किया है कि उनका उद्देश्य टकराव नहीं, बल्कि समस्याओं का समाधान है, ताकि मरीजों को बेहतर सेवा और कर्मचारियों को सम्मानपूर्ण कार्य वातावरण मिल सके।