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Uttarakhand Culture गढ़वाली गौरव का उत्सव : ट्राइसिटी के 30 मेधावी छात्रों और पूर्व सैनिकों को मिला सम्मान

गढ़वाल सभा ज़ीरकपुर का वार्षिक सम्मान समारोह सांस्कृतिक रंग में डूबा
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गढ़वाल सभा ज़ीरकपुर ने रविवार को बलटाना स्थित जीपी पब्लिक स्कूल में आयोजित अपने वार्षिक उत्कृष्टता सम्मान समारोह के माध्यम से शिक्षा, सेवा और संस्कृति के संगम को जीवंत किया। इस अवसर पर बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 30 गढ़वाली छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया, वहीं सेना से सेवानिवृत्त वीर सैनिकों को उनके अद्वितीय योगदान के लिए विशेष सम्मान प्रदान किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉ. जगदीश सेमवाल के स्वागत भाषण और पारंपरिक दीप प्रज्वलन के साथ हुई। सरस्वती वंदना के बीच आरंभ हुए इस आयोजन में गढ़वाली संस्कृति, शिक्षा और राष्ट्रसेवा की त्रिवेणी एक साथ देखने को मिली।

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मुख्य अतिथि संजीव राणा, भाजपा चंडीगढ़ के महासचिव और ‘एक ईंट शहीदों के नाम’ जैसे राष्ट्रीय अभियान के सूत्रधार ने छात्रों को देशभक्ति, आत्मनिर्भरता और सतत विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा, "पूर्व सैनिकों का सम्मान केवल एक रस्म नहीं, बल्कि नई पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।"

विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति

  • रवि रावत (भारत रत्न अटल जिला प्रभारी)
  • शंकर सिंह पंवार (प्रधान, गढ़वाल सभा चंडीगढ़)
  • बीरेन्द्र सिंह कंडारी (महासचिव, गढ़वाल सभा चंडीगढ़)
  • राकेश बेंजवाल (ज्योतिषाचार्य)
  • सुभाष भट्ट (समाजसेवी)
  • रमेश रतूड़ी (प्रबंधक, जीपी पब्लिक स्कूल)
  • धर्मपाल रावत (प्रवक्ता)
  • श्याम सिंह रावत (पूर्व प्रधान, गढ़वाल सभा ज़ीरकपुर)

गढ़वाली सांस्कृतिक विरासत को भी इस समारोह में शानदार मंच मिला। ‘हिमा’ लोकनृत्य, प्रेम सिंह नेगी द्वारा प्रस्तुत गंगा जनी भजन और अनुपम पुरोहित की संगीतमय प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उत्तराखंड की पारंपरिक धुनों और लयबद्ध प्रस्तुतियों ने आयोजन को भावनात्मक ऊंचाई दी।

सभा के महासचिव विमल कोटियाल ने कहा कि भविष्य में ऐसे आयोजनों को और अधिक व्यापक स्तर पर लाने की योजना है। उनका कहना था कि गढ़वाली समाज की नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ना ही सभा का मूल उद्देश्य है।

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