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महिला डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के साथ होंगे सुरक्षा एस्कॉर्ट्स

कोलकाता में महिला डॉक्टर से दरिंदगी के बाद चंडीगढ़ प्रशासन जागा
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चंडीगढ़, 30 अगस्त (ट्रिन्यू)

आरजी कर मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने सभी अस्पतालों में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इस संबंध में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के निदेशक की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें कई बिंदुओं पर चर्चा हुई। जीएमएसएच-16, सिविल अस्पताल-22, 45 और मनीमाजरा सिविल अस्पताल में दो समितियों का गठन किया जाएगा। इसमें ‘अस्पताल सुरक्षा समिति’ और ‘हिंसा निवारण समिति’ गठित की गई। यह भी निर्णय लिया गया कि उपयुक्त सभी अस्पतालों में यौन उत्पीड़न समिति की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।

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अस्पतालों में महिला डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए सुरक्षा एस्कॉर्ट्स होगा। इसके लिए अस्पतालों को सभी वार्डों के लिए आवश्यक सुरक्षा गार्डों की संख्या सुनिश्चित करने के लिए एक विस्तृत योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रवेश/निकास बिंदुओं पर सुरक्षा गार्ड रखे जा सकते हैं। इसके अलावा, अस्पतालों के लेबर रूम के बाहर महिला सुरक्षा गार्ड तैनात करने के लिए कहा गया है। विभिन्न वार्डों में आम जनता के अनावश्यक प्रवेश से बचने के लिए अलग-अलग रंग कोडिंग वाले दो प्रकार के कार्ड जारी किए जाएंगे। अस्पतालों के सभी प्रभारियों को कहा गया कि वे अस्पताल परिसर में सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर आपातकालीन संकेतक प्रदर्शित करें, ताकि कर्मचारियों और आम जनता को जागरूक किया जा सके।

नियंत्रण कक्ष बनेंगे, सीसीटीवी नेटवर्क की होगी समीक्षा

अस्पतालों में नियंत्रण कक्ष बनाने और अस्पताल परिसर में डिस्ट्रेस कॉल बटन प्रणाली स्थापित किए जाएंगे। अस्पताल परिसर में पुलिस चौकी/बीट बॉक्स बनाने के लिए एसएसपी कार्यालय से अनुरोध किया जाएगा। अस्पतालों में संयुक्त सुरक्षा ऑडिट कराए जाएंगे। अस्पतालों में जहां अंधेरा होगा वहां सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके अलावा अस्पताल में रात के समय ज्यादा रोशनी का भी इंतजाम किया जाएगा।

नये कानूनों की देंगे जानकारी

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अस्पतालों के सभी कर्मचारियों को नए आपराधिक कानूनों के संबंध में शीघ्र ही प्रशिक्षण दिया जाए तथा किसी भी ऐसी घटना/आपात स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया करनी है, इसके बारे में भी सभी कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाए। सभी प्रभारियों से कर्मचारियों को पहचान पत्र जारी करने का अनुरोध किया। यह आश्वासन दिया गया कि सेवा प्रदाताओं को जल्द ही आउटसोर्स कर्मचारियों को पहचान पत्र प्रदान करने के लिए कहा जाएगा। सभी प्रभारियों से ड्यूटी समय के दौरान महिला और पुरुष डॉक्टरों के लिए अलग-अलग विश्राम कक्ष की व्यवस्था करने को कहा।

ये सुझाव भी दिये

सभी प्रभारियों को अपने अस्पतालों में नियमित मॉक ड्रिल आयोजित करने को कहा गया है। प्रभारी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी कर्मचारी उचित पोशाक में हों तथा पहचान पत्र पहने हों। आम जनता की मदद के लिए एनएसएस स्वयंसेवकों/ सामाजिक कार्यकर्ताओं/ एनजीओ को भी शामिल करना चाहिए।

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