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एससी में सुनवाई से पहले सोनकर का इस्तीफा, आप के 3 पार्षद भाजपा में शामिल

चंडीगढ़ मेयर चुनाव का मामला
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रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े, चंडीगढ़ में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अरुण सूद के साथ आम आदमी पार्टी (आप) के तीन पार्षद। - हप्र
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एस अग्निहोत्री/हप्र

मनीमाजरा (चंडीगढ़), 18 फरवरी

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सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई से पहले चंडीगढ़ के मेयर मनोजर सोनकर ने इस्तीफा दे दिया है। इसकी पुष्टि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष जितेंद्र पाल मल्होत्रा ने की है। इधर आम आदमी पार्टी को भी जोरदार झटका लगा है। उसके तीन पार्षद पार्षद नेहा मुसावत, पूनम और गुरचरण जीत सिंह काला भाजपा में शामिल हो गए हैं। तीनों पार्षदों का भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद के साथ पार्टी के पटके पहनाकर भाजपा में स्वागत किया।

मेयर के इस्तीफा देने और आप पार्षदों के भाजपा में शामिल होने से अब नये समीकरण बनेंगे। चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दूसरी बार सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर शहर की राजनीति में बड़े स्तर पर हलचल हो सकती है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अगर मेयर चुनाव को सुप्रीम कोर्ट अवैध घोषित कर दोबारा चुनाव करवाने का आदेश देती है तो आप के तीन पार्षदों में से एक महिला पार्षद को भाजपा मेयर पद का उम्मीदवार बना सकती है। अरुण सूद ने बताया के भाजपा के पास पूर्ण बहुमत है और मेयर भाजपा का ही रहेगा और चंडीगढ़ भाजपा लोक भलाई की नीतियों के चलते भाजपा का कारवां बढ़ता रहेगा। आप के तीन पार्षदों के भाजपा में आने के बाद नगर निगम में पूरी तरह समीकरण बदल गए हैं। एक सांसद को मिलाकर पहले से ही भाजपा के पास 15 वोट हैं। तीन पार्षदों के भाजपा में शामिल होने से यह आंकड़ा 18 हो गया है। एक अकाली दल का मिला कर ये संख्या 19 हो जाएगी। इस प्रकार यदि सुप्रीम कोर्ट से मेयर चुनाव दोबारा करवाने को लेकर फैसला आता है तो भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ अपना मेयर बना लेगी।

पूर्व मेयर मनोज सोनकर

मेयर चुनाव को लेकर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में तीन सदस्यी बेंच सुनवाई कर रही है। पिछले सुनवाई में चीफ जस्टिस ने काफी तीखी टिप्पणी की थी। जस्टिस चंद्रचूड़ ने मेयर चुनाव में गड़बड़ी के संबंध में पेश वीडियो को देखते हुए पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह को कड़ी फटकार लगाई थी। सीजेआई ने कहा था कि, पीठासीन अधिकारी ने जो किया है उसमें लोकतंत्र की हत्या की गई है। उन्होंने अगली सुनवाई में पीठासीन अधिकारी को पेश होने के आदेश भी दिए थे। राजनीतिक गलियारों में दो दिनों से चर्चा है कि आप के तीन पार्षद दो दिनों से गायब हैं और वे आप के नेताओं के संपर्क में नहीं हैं। रविवार देर रात चर्चा यह चली कि तीन की जगह चार पार्षद भाजपा के संपर्क में हैं। भाजपा से जुड़े करीबी सूत्रों के मुताबिक ये गायब पार्षद भाजपा में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं। यह पार्षद चंडीगढ़ के भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अरुण सूद के साथ दिल्ली में हैं। पहले कहा जा रहा था कि शनिवार रात तक आप के पार्षद भाजपा में आधिकारिक तौर पर शामिल हो जाएंगे। मगर ऐसा नहीं हुआ। अब कहा जा रहा है कि आप के ये तीन पार्षद सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार ही भाजपा में शामिल होंगे। चंडीगढ़ मेयर की कुर्सी अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है।

अनिल मसीह

प्रिसाइडिंग ऑफिसर भी पेश होंगे बैंच के सामने

चंडीगढ़ में 30 जनवरी को मेयर चुनाव हुए थे, जहां आप और कांग्रेस ने आईएनडीआईए के तहत चुनाव लड़ा था। इसमें 16 वोटों के समर्थन के बावजूद भाजपा जीत गई थी। क्योंकि, प्रिसाइडिंग ऑफिसर अनिल मसीह ने आईएनडीआईए के 8 वोटों को रद्द कर दिया था। इसके बाद आप ने भाजपा पर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रिसाइडिंग ऑफिस का एक वीडियो भी शेयर किया था। इसमें दावा किया था कि ऑफिसर ने गलत तरीके से वोट रद्द किए हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव अधिकारी अनिल मसीह को 19 फरवरी को बेंच के सामने पेश होने आदेश दिया है। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हुई धांधली के खिलाफ आम आदमी पार्टी की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने वह वीडियो देखा था, जिसमें चुनाव अधिकारी अनिल मसीह बैलेट पेपर पर क्रॉस लगाते दिख रहे हैं। इसके बाद सीजेआई ने कहा- वीडियो से साफ पता चल रहा है कि चुनाव अधिकारी ने बैलेट पेपरों को डिफेस्ड (खराब) किया। क्या ऐसे ही चुनाव कराए जाते हैं? यह लोकतंत्र का मजाक है। लोकतंत्र की हत्या है। इस अफसर पर केस होना चाहिए।

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