स्लीप क्राइसिस इन ऑफिस : हर दूसरा कर्मचारी नींद से जूझ रहा
चंडीगढ़, 23 अप्रैल (ट्रिन्यू)
क्या आप भी ऑफिस में अक्सर थकान महसूस करते हैं? हो सकता है कि इसकी वजह नींद की कमी हो। एक ताजा अध्ययन ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि भारत के हर 10 में से 6 कॉरपोरेट कर्मचारी नींद की कमी के कारण मानसिक और शारीरिक समस्याओं से जूझ रहे हैं।
‘इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज़’ में प्रकाशित इस अध्ययन का नेतृत्व मनोवैज्ञानिक डॉ. दीपक ठाकुर और शोधकर्ता सिम्मी बंसल ने किया। उनके अनुसार, नींद की कमी अब कॉरपोरेट जगत में कार्यक्षमता को चुपचाप खत्म करने वाला संकट बन चुकी है।
शोध में सामने आया कि आईटी, वित्त और विपणन जैसे दबाव वाले क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारी लगातार नींद की कमी का सामना कर रहे हैं। इसका सीधा असर उनकी स्मरणशक्ति, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता और निर्णय लेने की योग्यता पर पड़ रहा है। डॉ. ठाकुर कहते हैं कि नींद पूरी न होने पर कर्मचारी मानसिक रूप से थके रहते हैं, गलतियां बढ़ती हैं और उत्पादकता गिरती है।
रिपोर्ट में नींद की समस्या का मुख्य कारण अत्यधिक तनाव और वर्कलोड बताया गया है। सिम्मी बंसल के अनुसार, तनाव और नींद की कमी एक ऐसा दुष्चक्र बनाते हैं, जिससे कर्मचारी आसानी से निकल नहीं पाते।
समाधान के तौर पर शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि कंपनियों को कर्मचारियों के लिए लचीले कार्य समय, नींद जागरूकता अभियान और कार्यस्थल स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू करने चाहिए। डॉ. ठाकुर के अनुसार, नींद केवल आराम नहीं, बल्कि मानसिक प्रदर्शन और उत्पादकता की नींव है। इसे प्राथमिकता देना अब एक विकल्प नहीं, बल्कि ज़रूरत बन चुका है।