Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

PGI में जीआई इमरजेंसी पर सेमिनार : पेट में अल्सर, वैरिसल ब्लीडिंग पर विस्तार से चर्चा

टिब्यून न्यूज सर्विस चंडीगढ़, 14 सितंबर पीजीआई जीआई इमरजेंसी कॉन्फ़्रेंस का 8वां संस्करण आयोजित किया गया। इस शैक्षिक मंच पर देशभर के प्रमुख विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और पेशेवरों को जीआई इमरजेंसी में नवीनतम सफलताओं पर साझा करने और चर्चा करने के...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
पीयू चंडीगढ़ की कुलपति प्रोफेसर रेनू विज ने सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में दीप प्रज्ज्वलित किया। साथ हैं डॉ. उषा दत्ता, एचओडी गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डॉ. आशिमा गोयल, एचओडी ओएचएससी, डॉ. संजय जैन, एचओडी इंटरनल मेडिसिन और डॉ. करतार सिंह, पूर्व प्रमुख, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग
Advertisement

टिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 14 सितंबर

Advertisement

पीजीआई जीआई इमरजेंसी कॉन्फ़्रेंस का 8वां संस्करण आयोजित किया गया। इस शैक्षिक मंच पर देशभर के प्रमुख विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और पेशेवरों को जीआई इमरजेंसी में नवीनतम सफलताओं पर साझा करने और चर्चा करने के लिए एक साथ लाया। इस कार्यक्रम में मुख्य प्रस्तुतियां, इंटरैक्टिव सत्र और जीआई इमरजेंसी में वार्तालाप आगे बढ़ाने पर केंद्रित थे।

कॉन्फ़्रेंस के मुख्य आकर्षण में जीआई इमरजेंसी के क्षेत्र में ग्राउंडब्रेकिंग अंतर्दृष्टि और ऐसी इमरजेंसी के बेहतर प्रबंधन पर महत्वपूर्ण चर्चा शामिल थी। पंजाब विश्वविद्यालय की उपकुलपति प्रोफेसर रेणु विग ने उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने जीआई इमरजेंसी के क्षेत्र में भविष्य को आकार देने में 8वें पीजीआई जीआई इमरजेंसी कॉन्फ़्रेंस की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

पहले और दूसरे सत्र में ऊपरी और निचले जीआई ट्रैक्ट के जीआई ब्लीडिंग के प्रबंधन के दृष्टिकोण पर केंद्रित किया गया था। डॉ. नरेश भट ने ऊपरी जीआई ट्रैक्ट ब्लीडिंग पर सत्र प्रस्तुत किया, जिसमें पेट में अल्सर, वैरिसल ब्लीडिंग और एसोफैगस में टियर के कारण होने वाले ब्लीडिंग पर विस्तार से चर्चा की गई। डॉ. विनीत जेथ ने पोर्टल हाइपरटेंशन से संबंधित ब्लीडिंग पर चर्चा की, जो जिगर की बीमारी वाले रोगियों में आम तौर पर देखा जाता है।

डॉ. मोहन रामचंद्रनी ने मिडगुट और निचले जीआई ट्रैक्ट ब्लीडिंग पर चर्चा की।

चौथे सत्र में शुरुआती चरण में तीव्र पैंक्रियाटाइटिस के प्रबंधन पर केंद्रित किया गया था। डॉ. प्रमोद गर्ग ने तीव्र पैंक्रियाटाइटिस के प्रबंधन में प्राथमिक देखभाल चिकित्सक की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। तीव्र पैंक्रियाटाइटिस पैंक्रियास की तीव्र सूजन है जो शराब के सेवन, पित्त नलिका में पथरी, बहुत उच्च कैल्शियम या ट्राइग्लिसराइड स्तर के कारण होती है। तीव्र पैंक्रियाटाइटिस के प्रबंधन के लिए पहले 72 घंटे महत्वपूर्ण हैं।

Advertisement
×