मोहाली, 2 मई (निस)
मोहाली शहर में सफाई संकट ने गंभीर रूप धारण कर लिया है। पिछले एक वर्ष से अधिक समय से डंपिंग प्वाइंट बंद होने के कारण कूड़ा प्रबंधन प्रणाली बेहद खराब स्थिति में पहुंच गई है। डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह बेदी ने एसएएस नगर के डिप्टी कमिश्नर को पत्र लिखकर त्वरित कार्रवाई की मांग की है। अपने पत्र में डिप्टी मेयर ने लिखा है कि मोहाली शहर में सफाई का तानाबाना बहुत बुरी तरह उलझ चुका है। डंपिंग ग्राउंड के बंद होने के कारण केवल आरएमसी प्वाइंटों के जरिए सफाई हो रही है, जो कि पूरी तरह से नाकाफी साबित हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि न सिर्फ नगर निगम का कूड़ा, बल्कि गमाडा और निजी बिल्डरों की सोसाइटियों से आने वाला कचरा भी मोहाली के ढांचे पर अतिरिक्त दबाव डाल रहा है। बरसात के कारण जगह-जगह पेड़ों की गिरी पत्तियां सड़ रही हैं, जिससे बदबू और बीमारियों का खतरा पैदा हो गया है।
बेदी ने बताया कि हाल ही में मनौली प्वाइंट और नेचर पार्क में पत्तियों में लगी आग के कारण प्रदूषण तो बढ़ा ही, साथ ही नेचर पार्क के कई पेड़ भी जलकर नष्ट हो गए। इस संदर्भ में उन्होंने मांग की कि गमाडा क्षेत्र के नए सेक्टरों, विशेषकर बलौंगी और निजी बिल्डरों की सोसाइटियों में उत्पन्न कचरे के लिए नए आरएमसी प्वाइंट बनाए जाएं, ताकि शहर में कूड़े का बेहतर प्रबंधन संभव
हो सके।
डिप्टी मेयर ने डिप्टी कमिश्नर से अपील की कि वे गमाडा अधिकारियों के साथ तालमेल बनाकर जल्द से जल्द नए स्थल उपलब्ध करवाने हेतु कदम उठाएं।
उन्होंने कहा, यह मामला केवल सफाई का नहीं, बल्कि शहरी स्वास्थ्य और पर्यावरण से जुड़ा है। इसमें देरी से शहरवासियों की सेहत को नुकसान हो सकता है और बीमारियां फैल सकती हैं।