मोहाली, 15 जुलाई (निस)
‘अगली पीढ़ी के लिए शिक्षा ढांचे पर पुनर्विचार’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. अमरपाल सिंह ने बोर्ड परीक्षा प्रणाली में बड़े बदलावों का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अब छात्रों की केवल याद्दाश्त नहीं, बल्कि सोचने की क्षमता, समस्या सुलझाने की योग्यता और खोजी स्वभाव की भी परीक्षा होगी। डॉ. अमरपाल सिंह ने कहा कि अब छात्रों को केवल पास नहीं करवाना, बल्कि राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए भी तैयार करना हमारा लक्ष्य है। प्रश्न-पत्र अब सोच और समझ पर आधारित होंगे, न कि केवल रटने योग्य। उन्होंने कहा कि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के ‘परख’ के सहयोग से राष्ट्रीय प्रश्न बैंक में भी योगदान देगा। यह प्रश्न बैंक नीट, सीयूईटी, जेईई जैसी परीक्षाओं के लिए प्रश्न तैयार करेगा। इससे पंजाब के छात्रों की तैयारी अधिक प्रभावशाली और परिणामोन्मुखी हो सकेगी। डॉ. सिंह ने बताया कि विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान और भाषाओं के प्रशिक्षित शिक्षक अब ऐसे प्रश्न बनाएंगे जो छात्रों की वास्तविक समझ और ज्ञान को परखें। श्रेष्ठ प्रश्न बनाने वाले शिक्षकों को राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। चेयरमैन ने कहा कि परीक्षा डर पैदा न करे, बल्कि प्रेरित करे। परख प्रोग्राम की सीईओ डॉ. इंद्राणी भादुरी ने पंजाब की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि जब विद्यार्थी सवाल पूछने लगते हैं, तभी असली सीख की शुरुआत होती है। भविष्य में परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए लाइव सीसीटीवी निगरानी, ओएमआर शीट और ज़िला स्तर पर कंट्रोल रूम की व्यवस्था लागू की जाएगी।
चेयरमैन ने छात्रों को संदेश देते हुए कहा कि यदि कभी परीक्षा से डर लगता था, तो अब समय आपका है। अब आपकी सोच और योग्यता को मान्यता मिलेगी। केवल जवाब नहीं देने, बल्कि सवाल भी बनाने हैं।