Tribune
PT
About Us Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कर्नल बाठ पर हुए हमले की जांच CBI को सौंपी

चंडीगढ़, 16 जुलाई (ट्रिन्यू) Colonel Bath Attack Case: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सेना अधिकारी कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ पर कथित हमले के मामले की जांच अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंप दी है। अदालत का यह फैसला...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

चंडीगढ़, 16 जुलाई (ट्रिन्यू)

Advertisement

Colonel Bath Attack Case: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सेना अधिकारी कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ पर कथित हमले के मामले की जांच अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंप दी है। अदालत का यह फैसला कर्नल बाठ की उस याचिका के आधार पर आया है, जिसमें उन्होंने चंडीगढ़ पुलिस पर "स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच" करने में विफल रहने का आरोप लगाया था।

गौरतलब है कि यह मामला पहले अप्रैल में चंडीगढ़ पुलिस को ट्रांसफर किया गया था, लेकिन लंबा समय बीतने के बावजूद न तो किसी आरोपी को गिरफ्तार किया गया और न ही किसी पर कानूनी कार्रवाई शुरू की गई।

न्यायमूर्ति राजेश भारद्वाज की पीठ ने सोमवार को चंडीगढ़ पुलिस की निष्क्रियता पर कड़ा रुख अपनाते हुए इसे “जानबूझकर की गई देरी” करार दिया और कहा कि यह कार्रवाई आरोपियों को बचाने और ग़लत उदाहरण स्थापित करने के समान है।

कर्नल बाठ ने अपनी याचिका में कहा कि 13-14 मार्च की रात को पटियाला में उनके और उनके बेटे पर पंजाब पुलिस के चार इंस्पेक्टर रैंक अधिकारियों और उनके हथियारबंद साथियों ने बिना किसी उकसावे के हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि हमला सार्वजनिक स्थान पर हुआ और सीसीटीवी की निगरानी में था। इस दौरान उनका आधिकारिक पहचान पत्र और मोबाइल फोन भी छीना गया।

हमले के तुरंत बाद पुलिस ने उनके बजाय तीसरे व्यक्ति की शिकायत पर झगड़े (affray) की एक झूठी एफआईआर दर्ज कर दी। कई बार प्रयास करने और राज्यपाल तक पहुंचने के बाद आठ दिन बाद असली एफआईआर दर्ज की गई।

याचिका में यह भी दावा किया गया कि पंजाब पुलिस के शीर्ष अधिकारियों का दबाव चंडीगढ़ पुलिस पर था, जिससे निष्पक्ष कार्रवाई नहीं हो पा रही थी। जब एक आरोपी रॉनी सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने पूछा कि अगर याचिका खारिज हो जाती है तो क्या उसे गिरफ्तार किया जाएगा, तो पुलिस ने "हां" कहा, लेकिन अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई।

कर्नल बाठ केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिवालय में एक संवेदनशील पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी। अब हाई कोर्ट के आदेश से इस मामले की जांच स्वतंत्र और निष्पक्ष एजेंसी सीबीआई द्वारा की जाएगी।

Advertisement
×