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Project Sarathi : देशभर के अस्पतालों में उम्मीद की नयी किरण

पीजीआईएमईआर में NSS वालंटियर्स का सम्मान समारोह
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पीजीआई में आयोजित कार्यक्रम में युवा मामले एवं खेल मंत्रालय की सचिव मीता राजीव लोचन और पीजीआई के निदेशक प्रो. विवेक लाल के साथ एनएसएस के स्वयंसेवक। -ट्रिब्यून फोटो
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विवेक शर्मा/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 24 सितंबर 

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Project Sarathi पीजीआईएमईआर में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में प्रोजेक्ट सारथी के एनएसएस वालंटियर्स को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर युवा मामलों और खेल मंत्रालय की सचिव मीता राजीवलोचन, आईएएस ने प्रोजेक्ट सारथी की सराहना करते हुए बताया कि प्रोजेक्ट सारथी ने राष्ट्रीय स्तर पर एक आंदोलन का रूप ले लिया है।

इस मॉडल को आधार बनाकर 25 राज्यों के 250 अस्पतालों में समान परियोजनाएं शुरू की गई हैं और हम इसे जल्द ही 700 से अधिक अस्पतालों तक विस्तार देने की तैयारी कर रहे हैं। प्रोजेक्ट सारथी देशभर के अस्पतालों के लिये उम्मीद के लिये नयी किरण है।

पीजीआई चंडीगढ़ में युवा मामले एवं खेल मंत्रालय की सचिव मीता राजीव लोचन एनएसएस स्वयंसेवकों छात्रों के साथ बातचीत करते हुए। साथ हैं पीजीआई के निदेशक प्रो. विवेक लाल। -ट्रिब्यून फोटो

इस कार्यक्रम में पीजीआईएमईआर के निदेशक प्रो. विवेक लाल, डिप्टी डायरेक्टर (प्रशासन) पंकज राय, और मेडिकल सुपरिंटेंडेंट प्रो. विपिन कौशल सहित कई अधिकारी मौजूद थे। प्रो. विवेक लाल ने कहा कि प्रोजेक्ट सारथी, जिसे पंकज राय द्वारा एक सरल विचार के रूप में शुरू किया गया था, अब एक आंदोलन बन गया है। यह परियोजना न केवल अस्पताल के स्टाफ का बोझ कम करती है, बल्कि वालंटियर्स को सामाजिक सेवा का अनूठा अनुभव भी प्रदान करती है।

प्रोजेक्ट सारथी के तहत एनएसएस वालंटियर्स प्रतिदिन पीजीआई में आने वाले 20 हजार मरीजों की देखभाल और मार्गदर्शन करते हैं। राजीवलोचन ने कहा कि यह परियोजना न केवल सेवाभाव को बढ़ावा देती है, बल्कि मरीजों और उनके परिवारों के बीच आत्मविश्वास और सकारात्मकता का संचार करती है।

उन्होंने यह भी बताया कि प्रोजेक्ट सारथी को और विस्तारित करने के लिए एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर) का सख्ती से पालन किया जाएगा, ताकि इसका प्रभाव स्थायी और व्यापक हो सके। इसके साथ ही, उन्होंने 'मेरा युवा भारत' प्लेटफार्म पर वालंटियर्स से अपने अनुभवों को साझा करने और 120 घंटे सेवा पूर्ण करने पर प्रमाण पत्र प्राप्त करने की भी बात कही। इस अवसर पर वालंटियर मानसी शर्मा ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि पीजीआई में हर दिन एक नई सीख है। यहां लोगों की मदद करना मेरे लिए व्यक्तिगत संतुष्टि और शांति का स्रोत है।

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