चंडीगढ़, 12 जुलाई (ट्रिन्यू)
पीजीआई चंडीगढ़ के डॉक्टर राजेश छाबड़ा ने वह कर दिखाया है, जिसे कभी बेहद मुश्किल माना जाता था। उन्होंने पिछले 7 वर्षों में पिट्यूटरी ट्यूमर से पीड़ित 1000 से अधिक मरीजों की सर्जरी बिना सिर की हड्डी काटे, नाक के रास्ते से की है। यह अत्याधुनिक तकनीक ‘एंडोस्कोपिक ट्रांसनैसल सर्जरी’ कहलाती है।
पिट्यूटरी ग्रंथि मस्तिष्क के भीतर स्थित होती है और आकार में मटर के दाने जितनी छोटी होती है, लेकिन इसका कार्य बेहद महत्वपूर्ण है। यह शरीर के कई आवश्यक हार्मोन (जैसे ग्रोथ, प्रजनन, थायरॉइड) को नियंत्रित करती है। इस ग्रंथि में ट्यूमर हो जाए तो मरीज को सिरदर्द, दृष्टि में कमी, वजन बढ़ना या मासिक धर्म में गड़बड़ी जैसे लक्षण हो सकते हैं। डॉ. छाबड़ा बताते हैं कि भारत में लोग इन लक्षणों को अक्सर गंभीरता से नहीं लेते, जिससे बीमारी देर से पकड़ में आती है। लेकिन अब बिना चीरा लगाए की जाने वाली इस सर्जरी से इलाज न केवल आसान हुआ है, बल्कि मरीज जल्दी ठीक हो जाते हैं, चेहरे पर कोई निशान नहीं आता और जोखिम भी कम होता है। इस उपलब्धि के पीछे पीजीआई की एक समर्पित बहु-विषयी टीम का सहयोग है, जिसमें न्यूरोसर्जन, ईएनटी विशेषज्ञ, हार्मोन विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट और एनेस्थीसिया विभाग शामिल हैं। डॉ. छाबड़ा का कहना है कि यह सिर्फ सर्जरी नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगी में फिर से रोशनी लाने जैसा है।