पीजीआई चंडीगढ़ में बाल रोग विभाग के जूनियर डॉक्टर पर हमला, FIR दर्ज
चंडीगढ़, 22 मई (ट्रिन्यू)
पीजीआईएमईआर के नियोनेटोलॉजी यूनिट (NNN-ICU) में शुक्रवार दोपहर एक शर्मनाक घटना घटी, जिसने चिकित्सा व्यवस्था की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए। बाल रोग विभाग के एक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर पर एक नवजात शिशु की परिचारिकाओं द्वारा शारीरिक हमला किया गया। यह शिशु प्रभलीन कौर का बच्चा है, जिसका उपचार एनएनएन-आईसीयू में जारी है।
घटना की सूचना मिलते ही एसोसिएशन ऑफ रेज़िडेंट डॉक्टर्स (एआरडी) के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने घायल डॉक्टर को प्राथमिक चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई तथा तत्काल कानूनी कार्रवाई की पहल की। कुछ ही घंटों के भीतर हमलावर परिजनों के विरुद्ध प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कर दी गई।
डॉक्टर इलाज के लिए होते हैं, हिंसा सहने के लिए नहीं : डॉ. विष्णु जिंजा
घटना की तीव्र निंदा करते हुए एआरडी ने इसे स्वास्थ्यकर्मियों की गरिमा और सुरक्षा पर सीधा हमला बताया। एआरडी अध्यक्ष डॉ. विष्णु जिंजा ने बयान जारी कर कहा, “डॉक्टर इलाज के लिए होते हैं, हिंसा सहने के लिए नहीं। यह कृत्य न केवल एक डॉक्टर के खिलाफ है, बल्कि पूरी चिकित्सा बिरादरी के खिलाफ है। इसकी पुनरावृत्ति रोकने के लिए हम हर संभव कदम उठाएंगे।”
निदेशक से की तत्काल हस्तक्षेप की मांग
एआरडी प्रतिनिधिमंडल ने पीजीआई निदेशक से मिलकर पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी दी। निदेशक ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया और कहा कि वे स्वयं मामले की निगरानी करेंगे।
डॉ. जिंजा ने संस्थान में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई सुझाव प्रस्तुत किए, जिनमें संवेदनशील यूनिटों में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती, परिजनों की आवाजाही पर नियंत्रण और सीसीटीवी निगरानी को प्रभावी बनाना शामिल है।
एआरडी की दो टूक— सुरक्षा से समझौता नहीं
एआरडी ने स्पष्ट किया कि डॉक्टरों की गरिमा और सुरक्षा उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं रोकी गई, तो वह सभी संवैधानिक और कानूनी विकल्पों का सहारा लेने से पीछे नहीं हटेगा।