एचआईवी अपडेट 2025: पीजीआईएमईआर में चिकित्सा विशेषज्ञों के लिए सीएमई कार्यक्रम
विवेक शर्मा
चंडीगढ़, 20 फरवरी
एचआईवी देखभाल में उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence in HIV Care), पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़, 20 फरवरी 2025 को एक विशेष Continuing Medical Education (CME) कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहा है। यह कार्यक्रम APC ऑडिटोरियम, पीजीआईएमईआर में होगा और इसमें एचआईवी देखभाल के नवीनतम पहलुओं पर विशेषज्ञ चर्चा करेंगे।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए महत्वपूर्ण मंच
इस सीएमई में पीजीआईएमईआर चंडीगढ़, जीएमसी-32, जीएच-16, एम्स मोहाली और ट्राइसिटी के निजी अस्पतालों के कंसल्टेंट्स, रेजिडेंट डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ भाग लेंगे। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य चिकित्सकों को राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) की नवीनतम गाइडलाइंस से अवगत कराना और एचआईवी प्रबंधन की आधुनिकतम रणनीतियों पर जानकारी देना है।
सीएमई के प्रमुख विषय
कार्यक्रम में एचआईवी देखभाल के विभिन्न पहलुओं पर विशेषज्ञों के सत्र होंगे, जिनमें शामिल हैं:
एचआईवी परीक्षण: उन्नत विधियां और रणनीतियां – एचआईवी जांच की नवीनतम तकनीकों, रैपिड टेस्टिंग और उच्च जोखिम समूहों में जांच दर बढ़ाने की रणनीतियों पर चर्चा।
एआरटी थेरेपी की शुरुआत और निगरानी – एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) की शुरुआत, दवा चयन, पालन-संबंधी चुनौतियां और उपचार की सफलता दर पर विशेष सत्र।
पोस्ट एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PEP) – स्वास्थ्यकर्मियों को एचआईवी संक्रमित सुई या अन्य संभावित संक्रामक सामग्री के संपर्क से बचाव और उपचार प्रोटोकॉल पर जानकारी।
एचआईवी में न्यूरोलॉजिकल समस्याएं – एचआईवी से संबंधित न्यूरोकॉग्निटिव विकारों, अवसरवादी संक्रमणों और दवा से होने वाले न्यूरोलॉजिकल दुष्प्रभावों का निदान और उपचार।
एचआईवी से जुड़ी त्वचा समस्याएं – एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों में होने वाले त्वचा विकारों, संक्रमणों और उनके प्रभावी उपचार पर चर्चा।
एचआईवी में श्वसन समस्याएं – एचआईवी रोगियों में न्यूमोसिस्टिस निमोनिया (PCP), टीबी और अन्य श्वसन संक्रमणों की शीघ्र पहचान और प्रबंधन।
बढ़ती जागरूकता और रोगियों के लिए बेहतर देखभाल
पिछले वर्ष आयोजित एचआईवी अपडेट 2024 कार्यक्रम में 300 से अधिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भाग लिया था। इस वर्ष भी इतने ही पंजीकरण की संभावना जताई जा रही है। कार्यक्रम में भागीदारी निःशुल्क होगी, लेकिन पूर्व पंजीकरण अनिवार्य है।
प्रो. अमन शर्मा, प्रोग्राम डायरेक्टर, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन एचआईवी केयर/एआरटी सेंटर, पीजीआईएमईआर, ने कहा,
"हम अपने क्षेत्र में एचआईवी देखभाल की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें विश्वास है कि इस कार्यक्रम से प्राप्त ज्ञान और कौशल रोगियों की बेहतर देखभाल और उपचार परिणामों में सुधार लाने में मदद करेगा।"
एनएसीओ द्वारा निर्धारित 95-95-95 लक्ष्य के तहत पीजीआई के एआरटी सेंटर ने 97% से अधिक मरीजों में वायरल लोड को सफलतापूर्वक नियंत्रित किया है, जो कि राष्ट्रीय औसत 74% से काफी अधिक है।
इस अवसर पर डॉ. शंकर नायडू, डिप्टी प्रोग्राम डायरेक्टर, डॉ. रविंदर कौर सचदेवा, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, एआरटी सेंटर, पीजीआईएमईआर सहित अन्य विशेषज्ञ भी उपस्थित रहे।