मनीमाजरा (चंडीगढ़), 9 जुलाई (हप्र)
गत दिवस सेक्टर-9 स्थित कार्मल कान्वेंट स्कूल में पेड़ गिरने से मौत के आगोश में समाई 10वीं की छात्रा हीराक्षी का शनिवार दोपहर सेक्टर-25 स्थित श्मशानघाट में अंतिम संस्कार किया गया। हीराक्षी के अंतिम संस्कार में शहर के सैकड़ों लोग शामिल हुए। 700 से ज्यादा लोग सेक्टर-25 के श्मशानघाट पहुंचे हुए थे। इनमें हीराक्षी के स्वजन, स्कूल स्टाफ, दोस्त, रिश्तेदार, प्रशासनिक अधिकारी व शहर के नेता भी थे। श्मशान घाट सेक्टर-25 में छात्रा हीराक्षी के अभिभावकों का आज भी रो रोकर बुरा हाल था। हीराक्षी की मां दमन कुमार की आंखों से आंसू रुक नहीं रहे थे। उन्हें रिश्तेदार संभाल रहे थे। इसके अलावा अन्य रिश्तेदारों के आंखों में भी हीराक्षी के जाने का गम साफ छलक रहा था। हीराक्षी की क्लासमेट भी स्कूल ड्रेस में ही अपनी फ्रेंड के अंतिम संस्कार में पहुंची थीं। चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर संस्कार से पहले परिवार से मिलने पहुंचीं। चंडीगढ़ के डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन हरसुहिंदर पाल सिंह, मेयर सर्बजीत कौर, चाइल्ड राइट कमीशन की चेयरपर्सन हरजिंदर कौर, आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष प्रेम गर्ग, पूर्व मेयर प्रदीप छाबड़ा, सुभाष चावला, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह लक्की व अन्य राजनीतिक हस्तियां हीराक्षी के संस्कार पर पहुंचीं।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को स्कूल में लंच टाइम के दौरान 250 साल पुराना पीपल का पेड़ बच्चों पर गिर गया था। हादसे में 16 साल की हीराक्षी की मौत हो गई थी और 19 स्टूडेंट्स घायल हो गए थे। हादसे में दो अन्य छात्राओं और स्कूल बस अटेंडेंट की हालत नाजुक बनी हुई है। शुक्रवार देर रात पीजीआइ में एक छात्रा और बस अटेंडेंट का आप्रेशन हुआ है, जिसमें एक छात्रा का हाथ काटना पड़ा। एक छात्रा को स्पाइनल इंजरी हुई है।
प्रशासन छात्रा की मौत का जिम्मेदार : छाबड़ा
आम आदमी पार्टी के सह प्रभारी एवं चंडीगढ़ के पूर्व मेयर प्रदीप छाबड़ा ने सेक्टर-9 स्थित कार्मल कॉन्वेंट स्कूल में हुए हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। छाबड़ा ने इस हादसे में कक्षा 10वीं की छात्रा की मौत को अपनी निजी पारिवारिक क्षति बताते हए हादसे का जिम्मेदार चंडीगढ़ प्रशासन को ठहराया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन इस मामले में सिर्फ मजिस्ट्रेटी जांच व शहर में असुरक्षित पेड़ों का अब सर्वे कराने की बात कहकर इस हादसे को लेकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकता। छाबड़ा ने परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि इस हादसे के लिए पूरी तरह चंडीगढ़ प्रशासन जिम्मेदार है। प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि शहर में अनगिनत पेड़ लोगों की जान के लिए खतरा बने हुए हैं। कई पेड़ तो इतने खोखले हो चुके हैं कि थोड़ी तेज हवा चलने पर ही गिर जाते हैं, जबकि हर बार आंधी-तूफान के समय पेड़ टूटकर गिरने से गाडिय़ों व मकानों को नुकसान पहुंचने की घटनाएं सामने आती हैं लेकिन प्रशासन हैरीटेज पेड़ों के नाम पर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने में लगा है। छाबड़ा ने कहा कि कोई भी हैरीटेज पेड़ इंसान की जान से कीमती नहीं है।