Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

मियामी में हुई विश्व शांति और सहयोग पर हिंदी काव्य संध्या

चंडीगढ़, 15 मार्च (ट्रिन्यू) हिंदी की प्रतिष्ठित वैश्विक ई-पत्रिका 'अन्हद कृति' ने अपने 13वें प्रकाशन वर्ष में प्रवेश करने के उपलक्ष्य में "विश्व शांति और सहयोग पर हिंदी काव्य संध्या" का आयोजन किया। यह विशेष कार्यक्रम मियामी के मैथेसन हैमॉक्स...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

चंडीगढ़, 15 मार्च (ट्रिन्यू)

हिंदी की प्रतिष्ठित वैश्विक ई-पत्रिका 'अन्हद कृति' ने अपने 13वें प्रकाशन वर्ष में प्रवेश करने के उपलक्ष्य में "विश्व शांति और सहयोग पर हिंदी काव्य संध्या" का आयोजन किया। यह विशेष कार्यक्रम मियामी के मैथेसन हैमॉक्स पार्क में महिला दिवस सप्ताहांत के अवसर पर आयोजित किया गया, जिसमें हिंदी साहित्य प्रेमियों की उत्साहजनक भागीदारी देखने को मिली।

Advertisement

कार्यक्रम में 'अन्हद कृति' के संपादक पुष्पराज चसवाल और डॉ. प्रेमलता 'प्रेमपुष्प', उनकी बेटी विभा, और मियामी में बसे भारतीय प्रवासियों ने भाग लिया। यह मियामी में 'अन्हद कृति' का पाँचवाँ हिंदी साहित्यिक आयोजन था, जिसमें लगभग 35 हिंदी प्रेमी शामिल हुए। यह ई-पत्रिका के प्रयासों का प्रमाण है कि उसने विदेशों में भी एक समृद्ध हिंदी साहित्य-प्रेमी समुदाय को एकत्र करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

काव्य संध्या में रचनात्मक अभिव्यक्ति का संगम

इस काव्य संध्या में हिंदी साहित्यकारों और कवियों ने विश्व शांति और सद्भावना पर केंद्रित अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं। मुख्य प्रतिभागियों में दमोदर-ललिता अग्रवाल, विजया त्रिपाठी, स्वाति बग्गा, पम्मी-अमरीजीत सहनी, ऋषिका दासवानी, कात्यायनी-अंबर भटनागर, पुनिता शर्मा, अरुणा अग्रवाल सहित कई अन्य साहित्यकार शामिल रहे।

कार्यक्रम की एक प्रमुख आकर्षण भरतनाट्यम गुरु हेमावती शर्मा और 'नृत्य अकादमी' के बच्चों द्वारा प्रस्तुत शास्त्रीय नृत्य-काव्य संयोग रहा, जिसमें विश्व शांति के लिए प्रार्थना प्रस्तुत की गई।

बच्चों की राय और विशेष सम्मान

ई-पत्रिका के 'इन माई ओपिनियन' (In My Opinion) कॉलम से जुड़े तन्वी, त्विषा, विग्नेश और आंया ने विश्व शांति, व्यवहारवाद और सद्भावना पर अपने विचार साझा किए। यह खंड बच्चों और युवाओं के दृष्टिकोण को समझने का अनूठा अवसर प्रदान करता है।

लगभग पाँच घंटे तक चले इस आयोजन का समापन संपादकद्वय पुष्पराज चसवाल और डॉ. प्रेमलता 'प्रेमपुष्प' द्वारा गुरु हेमावती शर्मा को 'साहित्याश्रय-2023' स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित करने के साथ हुआ। डॉ. प्रेमलता ने सभी हिंदी प्रेमियों का आभार व्यक्त किया और इस साहित्यिक आयोजन की सफलता में उनके योगदान की सराहना की।

यह आयोजन न केवल हिंदी भाषा और साहित्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ाने का प्रयास था, बल्कि यह विश्व शांति, सहयोग और मानवीय एकता के संदेश को भी सशक्त रूप से प्रस्तुत करने में सफल रहा।

Advertisement
×