रोबोटिक सर्जरी से लौटी सुनने की शक्ति, सांसों को भी मिली राहत
चंडीगढ़, 3 मई (ट्रिन्यू)
अत्याधुनिक रोबोटिक तकनीक अब सिर्फ कल्पना नहीं, बल्कि सच्चाई बन चुकी है और यह लोगों की ज़िंदगी बदल रही है। फोर्टिस अस्पताल, मोहाली के ईएनटी विभाग के विशेषज्ञों ने ‘दा विंची एक्सआई’ जैसे विश्व स्तरीय रोबोट की मदद से कान, नाक और गले (ईएनटी) के कई जटिल रोगों का सफल इलाज कर नई उम्मीद जगाई है।
ईएनटी और हेड-एंड-नेक सर्जरी विभाग के डायरेक्टर डॉ. अशोक गुप्ता, जो अब तक 1000 से अधिक कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी कर चुके हैं, एक विशेष अभियान ‘बहरापन-मुक्त भारत’ के जरिए पूरे राज्य में जागरूकता फैला रहे हैं। इस पहल का लक्ष्य है कि सुनने में कठिनाई झेल रहे हर व्यक्ति तक उन्नत उपचार पहुंचे।
जब 6 साल की बच्ची ने पहली बार सुनी आवाजें
एक ऐसा ही मार्मिक मामला तब सामने आया जब एक 6 वर्षीय बच्ची को जन्मजात द्विपक्षीय बहरापन था। उसके कानों से स्राव हो रहा था और टिनिटस की समस्या भी थी। जांच के बाद कॉक्लियर इम्प्लांटेशन की सलाह दी गई।
सर्जरी के बाद जब बच्ची ने पहली बार अपनी मां की आवाज सुनी तो परिवार की आंखें नम हो गईं। यह ऑपरेशन उसके जीवन में एक नया मोड़ साबित हुआ।
नींद में सांस रुकने की परेशानी से राहत
दूसरा मामला 28 वर्षीय सन्नी गोयल का था, जो ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) से पीड़ित थे। उन्हें गहरी नींद में सांस रुकने की समस्या थी।
डॉ. गुप्ता, डॉ. अनुरागिनी गुप्ता और डॉ. नेहा शर्मा की टीम ने रोबोट-सहायक ट्रांसओरल यूवीपीपी सर्जरी के माध्यम से उनके वायुमार्ग को खोलकर समस्या का समाधान किया।
सर्जरी के दो दिन बाद सन्नी स्वस्थ होकर घर लौटे और अब सामान्य जीवन जी रहे हैं।
रोबोटिक सर्जरी: भविष्य की दिशा
डॉ. गुप्ता बताते हैं, “कॉक्लियर इम्प्लांट न सिर्फ सुनने की शक्ति लौटाता है, बल्कि बच्चों के भाषायी विकास में भी अहम भूमिका निभाता है। वहीं, रोबोटिक सर्जरी से जटिल अंगों तक भी आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह शरीर में 360 डिग्री तक घूमने वाले उपकरणों के ज़रिए सटीक ऑपरेशन की सुविधा देती है।”