नवजात शिशुओं से लेकर वरिष्ठ नागरिकों की होगी व्यापक देखभाल : गुलाब चंद कटारिया
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 20 अप्रैल (हप्र)
श्री धन्वंतरि आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल, सेक्टर 46 के स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर रविवार को आयोजित समारोह में पंजाब के राज्यपाल एवं यूटी प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने कॉलेज परिसर में 250 बिस्तरों वाले अत्याधुनिक आयुर्वेदिक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की आधारशिला रखी।
इस अवसर पर आमजन के लिए कई महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा पहलों को भी समर्पित किया गया। जिसमें नवजात शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने के लिए निओनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट, सुलभ और सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करने के लिए नि:शुल्क प्रसव कार्यक्रम, समय पर टीकाकरण के माध्यम से रेबीज को रोकने के लिए नि:शुल्क एंटी-रेबीज टीकाकरण कार्यक्रम और बुजुर्गों के लिए व्यापक देखभाल प्रदान करने के उद्देश्य से वरिष्ठ नागरिकों के लिए जेरिएट्रिक केयर प्रोग्राम शामिल हैं।
अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि अस्पताल की पहल नवजात शिशुओं से लेकर वरिष्ठ नागरिकों तक सभी के लिए व्यापक देखभाल प्रदान करके सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।
केंद्रीय आयुष मंत्रालय के सलाहकार डॉ. कौस्तुभ उपाध्याय, श्री धन्वंतरि एजुकेशनल सोसाइटी के पदाधिकारी अध्यक्ष के.के. गुप्ता, महासचिव डॉ. नरेश मित्तल, चेयरमैन एवं पंचकूला के मेयर कुलभूषण गोयल, वित्त सचिव भूपिंदर गोयल, कॉलेज के प्रिंसिपल सुमित श्रीवास्तव, निदेशक पंडित सुदर्शन शर्मा और अन्य उपस्थित थे।
समारोह में कई हस्तियों की विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन, एनसीआईएसएम, नयी दिल्ली के अध्यक्ष वैद्य राकेश शर्मा, श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के कुलपति डॉ. के.एस. धीमान और गुरु रविदास आयुर्वेद विश्वविद्यालय, होशियारपुर के कुलपति डॉ. संजीव सूद ने अपने विचार साझा किए और छात्रों को अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित किया।
135 छात्रों को दी डिग्री
दोपहर में दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। इसमें 135 छात्रों को उनकी डिग्री प्रदान की गई। इस कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद और चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के कुलपति सतनाम सिंह संधू ने स्नातक छात्रों को एक प्रेरक भाषण दिया जिसमें उन्होंने आह्वान किया कि शिक्षा अनंत संभावनाओं को खोलती है। सच्ची सफलता केवल ज्ञान प्राप्त करने में नहीं है, बल्कि इसे मानवता की सेवा में लागू करने में है। आयुर्वेद और स्वास्थ्य में, जीवन को ठीक करने और बदलने की शक्ति है।