सरकार के भ्रमजाल में न फंसें किसान: बलबीर सिद्धू
सीनियर कांग्रेस नेता व पंजाब के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने प्रदेश सरकार द्वारा लाई गई लैंड पूलिंग पॉलिसी में किए गए बदलावों को एक भ्रमजाल करार देते हुए लोगों से अपील की है कि वे इस झांसे में न आएं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी खराब आर्थिक स्थिति के चलते ज़मीन मालिकों को 50 हज़ार या 1 लाख रुपये सालाना मुआवज़ा देने की स्थिति में नहीं है। सिद्धू ने कहा कि जो सरकार महिलाओं को 1000 रुपये महीना नहीं दे सकी, ‘आयुष्मान योजना’ के तहत निजी अस्पतालों का बकाया नहीं चुका सकी, रोडवेज को महिला फ्री यात्रा का बकाया नहीं दे सकी, कर्मचारियों को महंगाई भत्ता नहीं दे सकी और किसानों को एमएसपी नहीं दे सकी, वह किसानों को इतना मुआवज़ा देने का वादा कैसे निभाएगी? उन्होंने कहा कि यदि 65,000 एकड़ ज़मीन का अधिग्रहण होता है, तो कब्जा लेने तक किसानों को 50,000 रुपये प्रति वर्ष देने पर सालाना 325 करोड़ रुपये और कब्जा लेने के बाद 650 करोड़ रुपये की देनदारी बनती है। ये आंकड़े बताते हैं कि सरकार इसे पूरा नहीं कर सकती। पूर्व मंत्री ने कहा कि यह सिर्फ पैसे का मामला नहीं, बल्कि किसानों के अस्तित्व से जुड़ा मसला है।
किसान की पहचान ज़मीन से है, और ज़मीन चली गई तो पहचान भी चली जाएगी। उन्होंने कहा कि 90 फीसदी किसान खेती के अलावा और कुछ नहीं कर सकते और ज़मीन छिनने पर बेरोज़गार हो जाएंगे। बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि सरकार को यह नीति वापस लेकर ज़रूरत अनुसार 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के तहत किसानों को एकमुश्त नकद मुआवज़ा देकर ज़मीन लेनी चाहिए।