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वीडियो कॉल पर फर्जी सुप्रीम कोर्ट आदेश… फिर करोड़ों की ठगी!

चंडीगढ़ साइबर पुलिस ने ‘डिजिटल अरेस्ट गैंग’ के तीन और आरोपी दबोचे
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  • अब तक कुल 5 गिरफ्तार, सिरसा के युवक बना रहे थे बैंक खाता
  • निकाली 9.40 लाख की ठगी की रकम

विवेक शर्मा/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 12 अप्रैल 
सोचिए… एक दिन आपके फोन पर कॉल आता है। सामने वाला खुद को बड़ा अफसर बताता है, वीडियो कॉल पर एटीएम कार्ड दिखाता है और फिर कहता है—“आपका नाम 2 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग में है, आपको तुरंत अरेस्ट किया जा सकता है!” आप घबरा जाते हैं… और यहीं से शुरू होता है डिजिटल अरेस्ट गैंग का खेल।

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ठीक ऐसा ही हुआ चंडीगढ़ के दिलीप सिंह बाजवा के साथ, जिनसे इस साइबर गैंग ने 3 करोड़ 41 लाख रुपये की ठगी कर ली। अब इस केस में चंडीगढ़ पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस गैंग में अब तक कुल 5 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। इस मामले में साइबर क्राइम थाना, चंडीगढ़ की टीम ने हरियाणा के सिरसा से तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अब तक इस मामले में कुल पांच आरोपी पकड़े जा चुके हैं। इस जांच और कार्रवाई का नेतृत्व आईपीएस अधिकारी गीतांजलि खंडेलवाल, एसपी साइबर क्राइम कर रही हैं।

 सिरसा के गांवों से चला 'डिजिटल फरेब' का जाल

गिरफ्तार आरोपी हैं: अवतार सिंह (21), अमृतपाल सिंह (25) व सुनील कुमार (24) – सभी हरियाणा के सिरसा जिले के रहने वाले हैं।पुलिस के अनुसार, अमृतपाल और सुनील ने अवतार सिंह से उसके नाम पर इंडसइंड बैंक में खाता खुलवाया। फिर उस खाते में ठगी के 9.40 लाख रुपये ट्रांसफर कराए और उसे तुरंत कैश में निकाल लिया। केवल 1% कमीशन खुद रखा, बाकी पैसा किसी अन्य मास्टरमाइंड को सौंप दिया गया।

ऐसे रची गई थी ठगी की साजिश

अमृतपाल सिंह और सुनील कुमार ने अवतार सिंह से इंडसइंड बैंक में खाता खुलवाया। इस खाते का इस्तेमाल साइबर ठगी से प्राप्त 9.40 लाख रुपये ट्रांसफर कराने के लिए किया गया। राशि आने के बाद, दोनों ने इसे नकद में निकाला। कुल राशि में से 1% कमीशन खुद रखकर बाकी रकम एक अन्य संदिग्ध को सौंप दी।

कारोबारी को इस तरह बनाया गया शिकार

18 मार्च 2025 को, शिकायतकर्ता दिलीप सिंह बाजवा को एक अज्ञात नंबर (+96424111812) से वीडियो कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को जांच एजेंसी से जुड़ा बताया और कहा कि उनके नाम पर एक वर्चुअल अकाउंट खोला गया है। उन्होंने वीडियो कॉल पर एक एटीएम कार्ड और सुप्रीम कोर्ट का फर्जी गिरफ्तारी आदेश भी दिखाया।

अगले दिन उसी कॉलर ने आरोप लगाया कि दिलीप सिंह का अकाउंट एक 2 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ा है, जिसमें जेल में बंद व्यवसायी नरेश गोयल शामिल है। उन पर 20 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया। उन्हें लगातार वीडियो कॉल पर रखा गया और मानसिक दबाव बनाकर अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर करवाए गए।

 ठगी से कैसे बचें?

  • अनजान नंबर से आए वीडियो कॉल पर जानकारी न दें।

  • कोई भी अफसर कभी वीडियो कॉल पर गिरफ्तारी का आदेश नहीं दिखाता।

  • बैंक खाते से संबंधित जानकारी कभी साझा न करें।

  • शक हो तो तुरंत 1930 पर कॉल कर साइबर शिकायत दर्ज करें।

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