Tribune
PT
About Us Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

टैंकों की प्रदर्शनी, सैन्य वीरगाथा पर फिल्में और कुड़ियों का गतका

कई आयोजनों के साथ 7वां मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल संपन्न
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
चंडीगढ़ में रविवार को मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान गतका खेलती लड़कियां। -नितिन मित्तल
Advertisement

विवेक शर्मा/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 3 दिसंबर

Advertisement

यहां लेक स्पोट‍्र्स कांप्लेक्स पर दो दिवसीय 7वें मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन बड़ी संख्या में बच्चे, युवा और बुजुर्ग पहुंचे। इस दौरान कई आयोजनों ने लोगों को आकर्षित किया। महोत्सव के दूसरे और आखिरी दिन लड़कियों ने गतका खेलकर अपने जौहर दिखाए। फेस्ट में भारतीय सेना की वीरगाथा पर आधारित 13 फिल्में दिखाई गईं, जिन्होंने युवाओं को सेना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। महोत्सव में हथियार टैंकों के प्रदर्शन ने युवाओं को रोमांच से भर दिया।

महोत्सव के दूसरे दिन चंडीगढ़ के सेक्टर-40 गुरुद्वारा साहिब से आए बाबा फतेह सिंह गतका अखाड़े के करीब 14 खिलाड़ियों ने गतका खेलकर अपना दमखम दिखाया। यह गतका अंतर्राष्ट्रीय गतका कोच योगराज के मार्गदर्शन में खेला गया है। इस गतका खेल को यहां पहुंचे सैकड़ों लोग निहारते रहे। फेस्टिवल में रविवार को 13 अलग-अलग फिल्में दिखाई गईं। इसमें भारतीय सेना, परमाणु, सिख रेजिमेंट के 100 साल के इतिहास, सियाचिन उत्पीड़न, मार्कोस, 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध और कई अन्य विषयों पर फिल्में प्रस्तुत की गईं। वहीं युवा देशभक्ति से जुड़ी पेंटिंग भी बनाते नजर आए। हथियारों और टैंकों की प्रदर्शनी दूसरे दिन भी युवाओं के आकर्षण का केंद्र बनी रही। फेस्टिवल के दूसरे दिन चंडीगढ़, मोहाली, पंचकूला और आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में युवा पहुंचे। जिन्होंने भारतीय सेना के इतिहास और रवैये के बारे में जानकारी हासिल की। इसके साथ ही युवाओं ने भारतीय सेना में शामिल होने की भी बात कही।

एनईएफटी ने किया जागरूक

नॉर्दर्न इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (एनईएफटी) ने युवाओं को फैशन टेक्नोलॉजी के बारे में जागरूक किया। इस दौरान छात्रों ने युवाओं से फैशन से संबंधित डिजाइनिंग हेलमेट का उपयोग कर सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करने का आग्रह किया।

सैनिकों की वीरतापूर्ण कहानियों को याद करने का मंच : पुरोहित

सातवें सैन्य साहित्य महोत्सव का समापन पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। इस मौके पर पुरोहित ने कहा कि वह आज के सैन्य साहित्य महोत्सव में उपस्थित होकर बहुत खुश हैं, क्योंकि यह उन बहादुर सैनिकों की वीरतापूर्ण कहानियों को याद करने का एक मंच है, जिन्होंने हमारे देश के लिए अपना बलिदान दिया। पुरोहित ने कहा कि सैन्य साहित्य महोत्सव हर साल पंजाब सरकार, चंडीगढ़ प्रशासन और भारतीय सेना की पश्चिमी कमान द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाता है। इस वर्ष यह महोत्सव 1947-48 के शहीदों को समर्पित किया गया है। इस तरह के आयोजन लोगों, विशेषकर युवाओं को हमारे सशस्त्र बलों द्वारा लड़ी गई लड़ाइयों से परिचित होने और सैनिकों के अनुभवों से प्रेरित होने का अवसर प्रदान करते हैं।

इस्राइली खुफिया तंत्र के साथ-साथ बौद्धिक विफलता भी

ले. जनरल केजे सिंह और सुशांत सरीन।-ट्रिन्यू

सात अक्तूबर को इस्राइल में हमास द्वारा किया गया हमला इस्राइली एजेंसियों की खुफिया और बौद्धिक दोनों स्तरों पर समय पर कार्रवाई करने में पूरी तरह से विफलता थी। ये विचार सैन्य साहित्य महोत्सव में एक पैनल चर्चा के दौरान विशेषज्ञों द्वारा व्यक्त किए गए। 'इस्राइल-हमास युद्ध और भारत के लिए इसके कूटनीतिक व सैन्य सबक' पर सत्र काफी महत्वपूर्ण रहा। पश्चिमी सेना कमांडर रहे लेफ्टिनेंट जनरल केजे सिंह द्वारा संचालित सत्र में रणनीतिक मामलों के विश्लेषक सुशांत सरीन ने कहा कि खुफिया विफलता पर दोष मढ़ना फैशनेबल और हमेशा सुविधाजनक होता है। खुफिया जानकारी एक बिंदु तक काम करती है और इस मामले में हमास की योजनाओं के बारे में खुफिया जानकारी थी, लेकिन एक आतंकवादी क्या करेगा इसकी आशंका के लिहाज से यह एक बड़ी विफलता थी। इसकी तुलना अमेरिका में 9/11 के हमले के साथ करते हुए, सरीन ने कहा कि अगर किसी ने कहा होता कि अमेरिकी विमानों को इस तरह से हाईजैक कर लिया जाएगा, तो हर कोई इस पर हंसता। इस्राइली विश्लेषक रफी सेला ने कहा कि इस्राइल में निर्णय लेने में देरी हो गई।

Advertisement
×