प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार देर रात चंडीगढ़ और ट्राइसिटी क्षेत्र में चल रहे कई फर्जी कॉल सेंटरों पर छापेमारी की। ये कॉल सेंटर तकनीकी सहायता प्रदान करने के नाम पर विदेशी ग्राहकों को ठग रहे थे। ईडी की जांच में पता चला कि इन कॉल सेंटरों को चलाने वाली कंपनियों ने अपनी वेबसाइटों पर वेब डिजाइनिंग, वायरलेस इंटरनेट सेवाओं और अन्य सॉफ्टवेयर सेवाओं का झूठा विज्ञापन दिया, जबकि उनके प्रमोटरों, निदेशकों या कर्मचारियों का कोई रिकॉर्ड नहीं था। ईडी अधिकारियों ने बताया कि इन धोखाधड़ी करने वाली कंपनियों ने भुगतान गेटवे के माध्यम से अवैध रूप से अर्जित धन को भारत वापस भेजने के लिए विदेशों में भी संस्थाएं स्थापित की।
यह धनराशि हवाला लेनदेन के माध्यम से देश में भेजी जाती थी। यह पूरा काम गुप्त रूप से चलाया जाता था और कॉल सेंटरों के कर्मचारी भी तकनीकी रूप से कुशल नहीं थे।
ईडी की कार्रवाई में जीरकपुर स्थित रॉयल बिजनेस पार्क में बनाई गई एफएसएएल टेक्नोलॉजी नामक एक कंपनी के खिलाफ गंभीर सबूत सामने आए। इस कंपनी ने बायोस टेक नामक एक फर्जी अमेरिकी संस्था के माध्यम से माइक्रोसॉफ्ट, एचपी और आर्लो जैसे ब्रांडों के नाम से तकनीकी सहायता प्रदान करने का दावा किया, जबकि उसके पास ऐसी गतिविधियों के लिए लाइसेंस नहीं था। इसके अलावा एफएसएएल टेक्नोलॉजी पर प्रसिद्ध अमेरिकी कंपनी गीक स्क्वाड की नकल करते हुए एक नकली वेबसाइट बनाने का आरोप है। सूत्रों ने बताया कि इनमें से कुछ ने अपनी वेबसाइटों पर बड़े आईटी पार्कों की तस्वीरें साझा की हुई थीं, जो वास्तविकता के विपरीत हैं।