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दिव्यांगजन हैं ईश्वर की विशेष रचना : मक्कड़

विवेक शर्मा/ट्रिन्यू चंडीगढ़,16 मई ‘दिव्यांगजन समाज की वे रचनाएं हैं जिन्हें ईश्वर ने विशेष उद्देश्य से गढ़ा है। ये सहानुभूति नहीं, सम्मान के अधिकारी हैं।’ इसी भावना के साथ शुक्रवार को चंडीगढ़ स्थित इंस्टीट्यूट फॉर द ब्लाइंड में ‘मिशन अपर्णा...
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इंस्टीट्यूट फॉर द ब्लाइंड में ‘मिशन अपर्णा शक्ति’ सेमिनार
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विवेक शर्मा/ट्रिन्यू

चंडीगढ़,16 मई

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‘दिव्यांगजन समाज की वे रचनाएं हैं जिन्हें ईश्वर ने विशेष उद्देश्य से गढ़ा है। ये सहानुभूति नहीं, सम्मान के अधिकारी हैं।’ इसी भावना के साथ शुक्रवार को चंडीगढ़ स्थित इंस्टीट्यूट फॉर द ब्लाइंड में ‘मिशन अपर्णा शक्ति’ के अंतर्गत एक विशेष जागरूकता सेमिनार का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन नव्या भारत फाउंडेशन ने सोसायटी फॉर द ब्लाइंड और एसएपीटी इंडिया के सहयोग से किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एडवोकेट राजकुमार मक्कड़, पूर्व आयुक्त (दिव्यांगजन), हरियाणा सरकार ने प्रतिभागियों को उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘जब व्यक्ति अपने अधिकार जान लेता है, तो वह किसी भी चुनौती के सामने सिर झुकाने को मजबूर नहीं होता।’

सेमिनार की मुख्य वक्ता प्रो. शालिनी, परामर्शदाता, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ ने ‘महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य’ विषय पर विद्यार्थियों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ महिला न केवल अपने परिवार की शक्ति होती है, बल्कि पूरे समाज की रीढ़ बनती है।

उन्होंने छात्राओं को जीवनशैली में संतुलन, पोषण और नियमित स्वास्थ्य जांच के महत्व पर जागरूक किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान की सचिव सुपर्णा सचदेवा ने की।

उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों को प्रेरणा देते हैं और आत्मबल को नई दिशा देते हैं। इस अवसर पर प्राचार्य राकेश, संयुक्त सचिव अनीता जायाला, ऋषभ मिश्रा, सात्विक, हरमन सहित संस्थान के शिक्षकगण, छात्र और नव्या भारत फाउंडेशन के सदस्य उपस्थित रहे। नव्या भारत फाउंडेशन और एसएपीटी इंडिया के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनिरुद्ध उनियाल (फिजियोथेरेपिस्ट, पीजीआई एमईआर) ने दिव्यांगजनों को ‘ईश्वर की सबसे सुंदर रचना’ बताया। उन्होंने कहा, ‘ये दिव्यांगजन नहीं, बल्कि दिव्य आत्माएं हैं, जो ईश्वरीय अंगों से सुसज्जित हैं। ये समाज को बताने आए हैं कि सीमाएं मन की होती हैं, शरीर की नहीं।

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