मनीमाजरा (चंडीगढ़), 13 जुलाई (हप्र)
चंडीगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में दशकों से संचालित 94 गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों की समस्याओं और उनके भविष्य को लेकर सरवहारा एजुकेशन वेलफेयर एसोसिएशन (एसईडब्ल्यूए) ने सेक्टर 37-ए स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर भवन में बैठक की। बैठक में समान मान्यता नीति की मांग को लेकर एकमत से ज्ञापन पारित किया गया।
पूर्व मेयर अरुण सूद मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर राज्यपाल से चर्चा हो चुकी है। पार्षद सतिंदर सिंह सिद्धू और पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह संधू ने भी कानूनी सुरक्षा और मान्यता के लिए समर्थन का आश्वासन दिया।
एसईडब्ल्यूए अध्यक्ष दलजीत सिंह ने बताया कि ये स्कूल बिना सरकारी सहायता, सीमित संसाधनों और जोखिम के बीच श्रमिक वर्ग के बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट नीति की मांग करते हुए कहा कि हमें विशेषाधिकार नहीं, बल्कि निष्पक्षता चाहिए।
बैठक में बताया गया कि आरटीई एक्ट के तहत निरीक्षण के बावजूद कई स्कूलों को भवन उपविधियों और ज़ोनिंग नियमों के आधार पर मान्यता नहीं दी गई। 26 सितंबर 2024 को नगर निगम की आम सभा में इन उपविधियों को रद्द करने का प्रस्ताव पारित हुआ था, पर अमल नहीं हुआ।
हाल ही में शिक्षा विभाग ने बिना किसी स्पष्ट मापदंड के केवल 12 स्कूलों को पत्र जारी किए, जिससे बाकी स्कूलों में भ्रम और नाराजगी है। बैठक में हिसार में प्रिंसिपल की हत्या की घटना पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।