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क्रिकेटर को मिला नया जीवन, महिला को भी मिली राहत

पंचकूला के सिविल अस्पताल में स्पोर्ट्स इंजरी क्लिनिक बना उम्मीद की किरण

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पंचकूला, 14 मई (हप्र)

एक ऐसा क्रिकेटर, जो घुटने की गंभीर चोट के कारण खेल को अलविदा कह चुका था, अब दोबारा मैदान में लौटने की तैयारी कर रहा है। एक महिला, जो तीन साल से चलने तक में असहाय थी, अब मुस्कुरा रही है। यह करिश्मा हुआ है पंचकूला के सिविल अस्पताल सेक्टर 6 में चल रहे स्पोर्ट्स इंजरी क्लिनिक में, जो अब खिलाड़ियों और आम मरीजों के लिए नयी उम्मीद बन गया है।

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मार्च 2025 में शुरू हुए इस क्लिनिक में पीजीआई चंडीगढ़ के ऑर्थोपेडिक्स विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हिमांशु भयाना नोडल अधिकारी के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। हरियाणा सरकार और पीजीआई के बीच हुए ऐतिहासिक एमओयू के बाद इस क्लिनिक की नींव रखी गई थी।

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पहली सर्जरी : क्रिकेटर कपिल की वापसी की उम्मीद :

22 अप्रैल, 2025 को यहां पहला केस ऑपरेट किया गया। करनाल निवासी 33 वर्षीय क्रिकेटर कपिल, जिनकी एसीएल फटी हुई थी और मेनिस्कस भी क्षतिग्रस्त था, खेल से बाहर हो चुके थे। डॉ. हिमांशु ने उनकी सफल सर्जरी की। अब वह व्यक्तिगत फिजियोथेरेपी प्रोटोकॉल पर हैं और जल्द मैदान में वापसी की उम्मीद कर रहे हैं।

तीन साल बाद फिर मुस्कुराई रेनू : दूसरी बड़ी सफलता रेनू नामक महिला मरीज की रही, जो तीन साल से बाएं घुटने की गंभीर समस्या से जूझ रही थीं। बार-बार जॉइंट लॉक होना और असहनीय दर्द उसकी दिनचर्या का हिस्सा बन चुका था। स्पोर्ट्स इंजरी क्लिनिक में हुई आर्थोस्कोपिक सर्जरी और मेनिस्कस बैलेंसिंग के बाद अब वह न केवल चल पा रही हैं, बल्कि सामान्य जीवन में लौटने को तैयार हैं।

हर मंगलवार देते हैं परामर्श : डॉ. हिमांशु भयाना पीजीआई चंडीगढ़ में सेवाएं देने के साथ-साथ हर मंगलवार पंचकूला के सिविल अस्पताल में मरीजों को परामर्श देते हैं। उनका यह समर्पण और विशेषज्ञता स्पोर्ट्स इंजरी क्लिनिक को एक आदर्श मॉडल बना रहे हैं।

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