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Recycling प्लास्टिक से बनेंगे कपड़े ! पंजाब में पर्यावरण बचाने की अनोखी पहल

चंडीगढ़, 18 मार्च (ट्रिन्यू) Recycling क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि आपके द्वारा फेंकी गई प्लास्टिक की बोतलें एक दिन आपके कपड़े, जूते या बैग का हिस्सा बन सकती हैं? पंजाब में एक अनोखी पहल के तहत अब प्लास्टिक...
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चंडीगढ़, 18 मार्च (ट्रिन्यू)

Recycling क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि आपके द्वारा फेंकी गई प्लास्टिक की बोतलें एक दिन आपके कपड़े, जूते या बैग का हिस्सा बन सकती हैं? पंजाब में एक अनोखी पहल के तहत अब प्लास्टिक कचरे को रिसाइकल कर फैशनेबल और टिकाऊ कपड़े बनाए जा रहे हैं। इस पहल का मकसद न केवल बढ़ते प्लास्टिक कचरे को कम करना है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल फैशन को भी बढ़ावा देना है।

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पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यरत ‘हरियावल पंजाब’ संगठन ने ‘प्लास्टिक से फैशन’ नामक एक अनोखा अभियान शुरू किया है। इस पहल के तहत रिसाइकल किए गए प्लास्टिक कचरे से टिकाऊ कपड़े तैयार किए जा रहे हैं। संगठन का दावा है कि मात्र 10 प्लास्टिक बोतलों से एक टी-शर्ट और 15 बोतलों से एक जोड़ी जूते बनाए जा सकते हैं।

हरियावल पंजाब संगठन के संयोजक राजीव मल्होत्रा का कहना है, "प्लास्टिक कचरा हमारी धरती के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है। यदि इसे सही तरीके से रिसाइकल किया जाए, तो न केवल पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, बल्कि नए अवसर भी पैदा होंगे। हमारा प्रयास है कि पंजाब को प्लास्टिक मुक्त बनाने के साथ-साथ इस रिसाइकलिंग तकनीक से स्थानीय रोजगार भी बढ़ाया जाए।"

कैसे बनते हैं प्लास्टिक के कपड़े?

प्लास्टिक से कपड़ा बनाने की प्रक्रिया में कई चरण शामिल होते हैं:

1. कचरा एकत्र करना – सबसे पहले, उपयोग किए गए प्लास्टिक उत्पादों (जैसे पानी की बोतलें, पुराने प्लास्टिक बैग आदि) को इकट्ठा किया जाता है।

2. सफाई और श्रेणीकरण – इसके बाद प्लास्टिक को साफ किया जाता है और उनकी गुणवत्ता के आधार पर अलग-अलग श्रेणियों में रखा जाता है।

3. टुकड़ों में तोड़ना – फिर इस प्लास्टिक को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ा जाता है।

4. पिघलाने की प्रक्रिया – इन टुकड़ों को पिघलाकर महीन रेशों में बदला जाता है, जिसे ‘पॉलिएस्टर फाइबर’ कहा जाता है।

5. बुनाई और सिलाई – अंत में इन रेशों से कपड़ा तैयार कर उसे विभिन्न प्रकार के परिधानों में बदला जाता है।

क्यों है यह पहल जरूरी?

पर्यावरणविदों का मानना है कि भारत में हर साल करोड़ों टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है, जिसमें से बहुत कम मात्रा ही पुनर्चक्रण (रीसाइकल) होती है। शेष प्लास्टिक या तो लैंडफिल में चला जाता है या नदियों और महासागरों को प्रदूषित करता है। इस स्थिति को देखते हुए रिसाइकलिंग आधारित कपड़ा उद्योग एक बेहतरीन समाधान बन सकता है।

पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. सीमा वर्मा का कहना है, "प्लास्टिक के उपयोग को कम करना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है इसे सही तरीके से रिसाइकल करना। यदि लोग प्लास्टिक से बने कपड़ों को अपनाना शुरू करें, तो इससे न केवल प्रदूषण घटेगा, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी मददगार साबित होगा।"

युवाओं में बढ़ रही दिलचस्पी

पंजाब के स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाले युवा इस पहल को लेकर बेहद उत्साहित हैं। कई छात्र संगठन और सामाजिक संस्थाएँ प्लास्टिक रिसाइकलिंग को बढ़ावा देने के लिए कैंपेन चला रही हैं।

पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र रवि मेहरा कहते हैं, "पहले मुझे यकीन नहीं हुआ कि प्लास्टिक से इतने अच्छे कपड़े बनाए जा सकते हैं। लेकिन जब मैंने इन्हें खुद पहना, तो यह सामान्य कपड़ों से कहीं अधिक आरामदायक और टिकाऊ लगे।"

फैशन इंडस्ट्री में भी इस पहल को तेजी से अपनाया जा रहा है। कई स्टार्टअप और बड़े ब्रांड प्लास्टिक से बने कपड़े लॉन्च कर रहे हैं।

सरकार भी दे रही सहयोग

पंजाब सरकार भी इस पहल को समर्थन दे रही है। सरकार ने हाल ही में प्लास्टिक रिसाइकलिंग उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नए प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है, जिसके तहत रिसाइकलिंग कंपनियों को टैक्स में छूट और सस्ते दरों पर लोन दिया जाएगा।

पंजाब के पर्यावरण मंत्री बलविंदर सिंह कहते हैं, "हम चाहते हैं कि राज्य को प्लास्टिक मुक्त बनाया जाए और साथ ही इससे रोजगार के अवसर भी उत्पन्न हों। सरकार ऐसी योजनाओं का समर्थन करती रहेगी।"

आने वाले समय में क्या होगा बदलाव?

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस पहल को बड़े पैमाने पर लागू किया जाए, तो अगले 5 वर्षों में प्लास्टिक कचरे में 30-40% की कमी आ सकती है। साथ ही, यह स्थानीय लोगों के लिए आय का एक नया स्रोत भी बन सकता है।

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