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Chandigarh News हेल्थ विद सेलिब्रेशन : तीज पर महिला डॉक्टरों को मिला स्तन कैंसर जागरूकता का उपहार

जहां तीज आमतौर पर झूलों, लोक गीतों और रंगों से जुड़ा होता है, वहीं इस बार चंडीगढ़ में इसका आयोजन स्वास्थ्य चेतना के नए स्वर में गूंजता नजर आया। नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (नीमा) चंडीगढ़ की महिला विंग ने शेल्बी...
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नीमा चंडीगढ़ की महिला विंग की सदस्याएं तीज महोत्सव के दौरान पारंपरिक उल्लास में डूबीं। ट्रिब्यून फोटो
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जहां तीज आमतौर पर झूलों, लोक गीतों और रंगों से जुड़ा होता है, वहीं इस बार चंडीगढ़ में इसका आयोजन स्वास्थ्य चेतना के नए स्वर में गूंजता नजर आया। नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (नीमा) चंडीगढ़ की महिला विंग ने शेल्बी हॉस्पिटल में तीज के उपलक्ष्य में एक ऐसा आयोजन किया, जहां उत्सव के साथ-साथ स्तन कैंसर पर विशेष शैक्षणिक सत्र ने महिलाओं को सजगता की नई दिशा दी।

इस कार्यक्रम में न केवल महिला चिकित्सकों को स्तन कैंसर की नवीनतम जानकारी दी गई, बल्कि इस विषय पर खुलकर चर्चा भी हुई—कि कैसे शुरुआती पहचान और जागरूकता के ज़रिए इस गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है। डॉ. मीनू गांधी (नीमा चंडीगढ़ अध्यक्ष) ने कहा df महिलाओं का स्वास्थ्य केवल एक निजी विषय नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी है। चिकित्सकों को सबसे पहले सजग और जागरूक होना चाहिए, तभी वे समाज को सुरक्षित रख सकते हैं।

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मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ. रवि डूमरा (निदेशक, पंजाब आयुर्वेद निदेशालय) ने आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से कैंसर रोकथाम की बात रखी, वहीं डॉ. शैलेन्द्र भारद्वाज (प्रेस सचिव) ने कैंसर जागरूकता को प्राथमिकता बनाने की ज़रूरत पर बल दिया।

कार्यक्रम की खास बात यह रही कि चिकित्सा सत्र के बाद पारंपरिक तीज उत्सव ने पूरे माहौल को उमंग से भर दिया। डॉ. अनुपमा भारद्वाज और डॉ. कुलविंदर कौर की सुरीली प्रस्तुतियों ने जहां मन मोह लिया, वहीं महिला डॉक्टरों द्वारा डाले गए पारंपरिक गिद्दा ने समां बांध दिया।

कार्यक्रम में महिला मंच की अध्यक्ष डॉ. जलमीन की अगुवाई में लोक गीतों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने सभी को भावविभोर कर दिया। आयोजन ने यह संदेश दिया कि परंपराएं और प्रगतिशील सोच एक साथ चल सकती हैं—जहां एक ओर स्वास्थ्य शिक्षा हो, तो दूसरी ओर उत्सव का उल्लास भी।

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