Board Exams Strict Rules : बोर्ड परीक्षा में फेल और कंपार्टमेंट पर शिक्षा विभाग सख्त, शिक्षकों की जवाबदेही होगी तय
विवेक शर्मा/चंडीगढ़, 17 मई (ट्रिन्यू)
Board Exams Strict Rrules : चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों के छात्रों के बोर्ड परीक्षाओं में फेल या कंपार्टमेंट में आने के मामलों को लेकर शिक्षा विभाग ने सख्ती दिखाई है। शिक्षा सचिव प्रेरणा पुरी ने स्पष्ट किया कि जब स्कूलों में पर्याप्त बुनियादी ढांचा और योग्य शिक्षक उपलब्ध हैं, तो छात्रों के कमजोर प्रदर्शन का कोई औचित्य नहीं बनता। अब हर प्राचार्य और शिक्षक को छात्रों के परिणामों के लिए जवाबदेह बनाया जाएगा।
शिक्षकों की जवाबदेही तय, उत्कृष्ट प्रदर्शन पर मिलेगा प्रोत्साहन
शिक्षा सचिव ने दो टूक कहा कि जिन छात्रों का प्रदर्शन खराब रहा है, उनके लिए संबंधित शिक्षक और प्राचार्य जिम्मेदार माने जाएंगे। वहीं जिन स्कूलों के छात्र बोर्ड परीक्षाओं में बेहतरीन परिणाम लाएंगे, उनके शिक्षकों और प्राचार्यों को विभाग की ओर से सम्मानित किया जाएगा।
जल्द होगी प्राचार्यों की समीक्षा बैठक
बोर्ड परीक्षाओं (कक्षा 10वीं और 12वीं) के परिणामों की गहराई से समीक्षा के लिए सभी स्कूल प्राचार्यों की बैठक जल्द बुलाई जाएगी। जिन शिक्षकों के सबसे अधिक छात्र फेल या कंपार्टमेंट में आए हैं, उन्हें अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। इन शिक्षकों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) में यह प्रदर्शन दर्ज किया जाएगा।
फेल छात्रों के लिए विशेष कक्षाएं, अभिभावकों से संवाद
कंपार्टमेंट में आए छात्रों के लिए अतिरिक्त कक्षाएं चलाई जाएंगी, ताकि उन्हें अगली परीक्षा में सफलता मिल सके। इसके लिए शुक्रवार को संबंधित छात्रों के अभिभावकों के साथ पैरेंट-टीचर मीटिंग (PTM) आयोजित की जाएगी। संबंधित विषयों के शिक्षक बैठक में मौजूद रहेंगे और बच्चों के लिए सुधारात्मक योजना बनाई जाएगी।
डीओ करेगा गहन विश्लेषण
जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि वे कक्षा 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणामों का स्कूलवार, विषयवार और क्षेत्रवार विश्लेषण तैयार करें। इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि असफलता की जड़ें शिक्षक स्तर पर हैं या स्कूल की व्यवस्था में।
वयस्क शिक्षा में भी नहीं चलेगी ढिलाई
एक भी वयस्क साक्षर न बनाने पर ACR में दर्ज होगी टिप्पणी, तबादले भी रोके जाएंगे
शिक्षा विभाग द्वारा हर शिक्षक को कम से कम एक वयस्क को साक्षर बनाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन विभाग को यह जानकर निराशा हुई कि अधिकतर शिक्षकों ने इस पहल को गंभीरता से नहीं लिया। शिक्षा सचिव ने कहा कि यह निर्देश अब पूरी तरह अनिवार्य हैं और इसका पालन हर हाल में सुनिश्चित किया जाएगा।
सख्त निर्देश:
1. सुबह की पाली में पढ़ाने वाले सभी शिक्षक कम से कम एक वयस्क साक्षर को गोद लें।
2. शहर के सेक्टर क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षक, यदि यह जिम्मेदारी नहीं निभाते, तो उनका तबादला बाहरी क्षेत्रों के स्कूलों में किया जाएगा और उन्हें शाम की पाली में पढ़ाना होगा।
3. वयस्क साक्षर नहीं अपनाने वाले शिक्षकों के तबादले की कोई अर्जी स्वीकार नहीं की जाएगी।
4. इस निर्देश की अनदेखी शिक्षकों की ACR में नकारात्मक रूप से दर्ज की जाएगी।
शिक्षा सचिव परणा पुरी ने कहा, "जो शिक्षक वयस्क शिक्षा की दिशा में योगदान दे रहे हैं, वे विभाग के लिए गर्व का विषय हैं और उन्हें सम्मानित किया जाएगा। लेकिन जो इस सामाजिक उत्तरदायित्व से पीछे हट रहे हैं, उन्हें परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।"