Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Bankers Protest : बैंकर्स का देशभर में जोरदार प्रदर्शन, पांच-दिवसीय कार्य सप्ताह और भर्ती की उठाई मांग

विरोध प्रदर्शन में ट्राई-सिटी के करीब 500 बैंक कर्मियों ने हिस्सा लिया
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 7 मार्च

Advertisement

बैंकिंग क्षेत्र में बदलाव की मांग को लेकर आज देशभर के बैंक कर्मियों ने आवाज बुलंद की। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) के बैनर तले हजारों बैंक कर्मचारी सड़कों पर उतरे और क्षेत्रीय, जोनल व प्रधान कार्यालयों के सामने प्रदर्शन किया। चंडीगढ़ में हुए विरोध प्रदर्शन में ट्राई-सिटी के करीब 500 बैंक कर्मियों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उनकी मांगें न सिर्फ कर्मचारियों के हित में हैं, बल्कि ग्राहक सेवा को भी और बेहतर बनाएंगी।

पांच-दिवसीय कार्य सप्ताह की मांग तेज

प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगों में से एक बैंकिंग उद्योग में पांच-दिवसीय कार्य सप्ताह लागू करना है। SBI ऑफिसर्स एसोसिएशन, चंडीगढ़ सर्कल के अध्यक्ष प्रियाव्रत ने बताया कि मार्च 2024 के द्विपक्षीय समझौते में भारतीय बैंक संघ (IBA) और यूनियनों ने पांच-दिवसीय कार्य सप्ताह को लागू करने पर सहमति जताई थी। इसके तहत सरकार को एक औपचारिक सिफारिश भी भेजी गई, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने इसे अधिसूचित नहीं किया है।

उन्होंने जोर देकर कहा, "जब 24x7 डिजिटल बैंकिंग सेवाएं पहले से उपलब्ध हैं और अधिकतर सरकारी व कॉर्पोरेट दफ्तर हफ्ते में पांच दिन काम कर रहे हैं, तो बैंक कर्मियों को इससे वंचित रखना अन्यायपूर्ण है। इससे कर्मचारियों की कार्यक्षमता और ग्राहक सेवा दोनों में सुधार होगा।"

स्थायी भर्ती की मांग, काम का बोझ कम करने पर जोर

प्रदर्शन में बैंकिंग क्षेत्र में स्थायी भर्ती का मुद्दा भी जोर-शोर से उठा। यूनियन नेताओं ने कहा कि बैंकों में कर्मचारियों की भारी कमी से मौजूदा स्टाफ पर काम का दबाव बढ़ रहा है, जिससे ग्राहक सेवा प्रभावित हो रही है। उन्होंने सरकार और बैंक प्रबंधन से आग्रह किया कि हर संवर्ग में बड़े पैमाने पर भर्ती की जाए ताकि बैंकिंग सेवाओं की गुणवत्ता सुधारी जा सके।

निजीकरण और अनुचित श्रम नीतियों का विरोध

यूनियनों ने यह भी स्पष्ट किया कि वे बैंकिंग क्षेत्र के निजीकरण के किसी भी प्रयास का कड़ा विरोध करेंगे। उन्होंने मांग की कि पदोन्नति, स्थानांतरण और अन्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाई जाए और कर्मचारियों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

आंदोलन होगा और तेज, हड़ताल की चेतावनी

आज का प्रदर्शन बैंकर्स के बड़े आंदोलन का एक हिस्सा था। यूनियन नेताओं ने बताया कि 3 मार्च को दिल्ली में एक बड़ा धरना आयोजित किया गया था, और अब 24-25 मार्च को दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल की तैयारी की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी, "अगर हमारी मांगों पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया, तो विरोध प्रदर्शन और तेज होंगे।

बैंकिंग क्षेत्र की मजबूती के लिए हमें संघर्ष जारी रखना होगा। प्रदर्शन में सभी प्रमुख बैंक यूनियनों के अध्यक्ष, महासचिव और अन्य पदाधिकारी शामिल हुए। अब सबकी नजर इस बात पर है कि सरकार और बैंक प्रबंधन इस पर क्या रुख अपनाते हैं।

Advertisement
×