मोहाली, 7 मार्च (निस)
प्रदेश में पड़ोसी राज्यों की तुलना में पेट्रोल, डीजल की बिक्री पर वैट की आसमान छूती दरों की वजह से पंजाब सरकार अपने राजस्व का भी नुकसान कर रही है। पंजाब में पेट्रोल, डीजल पड़ोसी राज्यों की तुलना में महंगा होने की वजह से बिक्री में भी गिरावट आई है और पेट्रोलियम व्यवसाय तालाबंदी के कगार पर पहुंच गया है। पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन, पंजाब ने पंजाब सरकार से मांग की है कि पेट्रोलियम व्यवसाय को बचाने एवं राजस्व वृद्धि के लिए चालू बजट सत्र में ही पेट्रोल, डीजल पर वैट की दरें कम करने की घोषणा की जाए। एसोसिएशन के अध्यक्ष परमजीत सिंह दोआबा, महासचिव डॉ मंजीत सिंह एवं प्रवक्ता मोंटी गुरमीत सहगल ने कहा कि मौजूदा समय में चंडीगढ़, हरियाणा हिमाचल प्रदेश एवं जम्मू कश्मीर में पेट्रोल, डीजल पंजाब की तुलना में सस्ता है। उन्होंने बताया कि अगर शुक्रवार के ही मोहाली के रेट की तुलना की जाए तो चंडीगढ़ में पेट्रोल पंजाब से 5.30 रुपए, ऊना में 5.84 रुपए, शिमला में 4.16 रुपए, हमीरपुर में 5.35 रुपए, अंबाला में 4.42 रुपए, दिल्ली में 1.89 रुपए और जम्मू में 2.03 रुपए प्रति लीटर पंजाब से सस्ता है। इसी तरह से डीजल क्रमश: 2.85, 4.70, 3.32, 4.28, 2.43, 2.49,1.86 रुपए प्रति लीटर सस्ता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की गलत वैट नीति के कारण राज्य को सालाना दो हजार करोड़ राजस्व का नुकसान हो रहा है। दो हजार करोड़ की अतिरिक्त आय पड़ोसी राज्यों को जा रही है। अगर सरकार वैट की दर कम कर दे तो प्रदेश की जनता को तो राहत मिलेगी ही पंजाब के सरकारी खजाने को भी दो हजार करोड़ की अतिरिक्त आय होगी।