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सैनिक के 18 वर्षीय बेटे ने पांच लोगों को दी नई जिंदगी

15 फरवरी को डॉक्टर्रों ने अर्जीदिप को ब्रेन स्टेम डेथ कर दिया था घोषित
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विवेक शर्मा/ट्रिन्यू

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चंडीगढ़, 17 फरवरी

जब एक पिता अपने बेटे की मृत्यु के बावजूद उम्मीद की एक नई किरण बनता है, तो यह न केवल एक दिल छूने वाली घटना होती है, बल्कि मानवता की सबसे बड़ी मिसाल भी बन जाती है। 18 वर्षीय अर्जीदिप, भारतीय सेना के एक बहादुर सैनिक का बेटा, अपनी मौत के बाद पांच जरूरतमंदों को जीवन देने वाला नायक बन गया। यह कदम न केवल उसके परिवार के लिए गर्व का विषय था, बल्कि देशभर में अंगदान के महत्व को समझाने का एक बेहतरीन उदाहरण बना।

अर्जीदिप, जो पंजाब के रोपड़ जिले का निवासी था, 8 फरवरी 2025 को एक सड़क हादसे का शिकार हुआ। एक टेम्पो ने उसकी बाइक को टक्कर मारी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। प्राथमिक इलाज के बाद उसे चंडीमंदिर स्थित कमांड हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। आठ दिन तक डॉक्टर्स ने उसकी जान बचाने के लिए पूरी कोशिश की, लेकिन 15 फरवरी को उसे ब्रेन स्टेम डेथ घोषित कर दिया गया। इस अपार दुःख के बावजूद अर्जीदिप के पिता, जो खुद एक सैनिक हैं, ने एक साहसिक कदम उठाया और अपने बेटे के अंगों का दान करने का निर्णय लिया। अर्जीदिप के गुर्दे और पैंक्रियास को चंडीगढ़ के पीजीआई में भेजा गया, जहां उनका सफल ट्रांसप्लांट किया गया। उसके जिगर और एक गुर्दे को दिल्ली के आर्मी हॉस्पिटल में ट्रांसप्लांट किया गया, जबकि उसकी कोर्निया को चंडीमंदिर के आई बैंक में संरक्षित किया गया, जिससे दो दृष्टिहीन व्यक्तियों को रोशनी मिल गई।

कमांड हॉस्पिटल के कमांडेंट मेजर जनरल मैथ्यूज जैकब ने इस फैसले की सराहना करते हुए कहा, अर्जीदिप का बलिदान न केवल उसके परिवार, बल्कि पूरी मानवता का गौरव है। उनका यह कदम हमें यह सिखाता है कि जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य दूसरों के जीवन को बचाना है।

एक फैसले से अनेक जिंदगियों में आया बदलाव

पीजीआई के प्रोफेसर विपिन कौशल ने भी अंगदान की अहमियत को रेखांकित करते हुए कहा कि अर्जीदिप ने न केवल अपनी जान दी, बल्कि पांच लोगों को नया जीवन दिया। यह उदाहरण हमें समाज में अंगदान के महत्व को समझने के लिए प्रेरित करता है। अर्जीदिप के पिता ने भावुक होकर कहा, मेरे बेटे की मौत ने हमें गहरा दुःख दिया, लेकिन उसका बलिदान यह दर्शाता है कि उसकी आत्मा अब उन लोगों में जीवित है जिन्हें उसने बचाया। अर्जीदिप की यह प्रेरक कहानी हमें यह सिखाती है कि एक छोटे से निर्णय से कितनी जिंदगियों में बदलाव आ सकता है।

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