10th Class Subjects : सीबीएससी के फैसले पर सियासत तेज, भड़के शिक्षा मंत्री बैंस ने कहा - नहीं मिलेगी प्रमाण पत्रों को मान्यता
चंडीगढ़, 27 फरवरी (भाषा)
10th Class Subjects : पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने बुधवार को भाजपा नीत केंद्र सरकार और सीबीएसई पर निशाना साधते हुए उन पर 10वीं कक्षा के लिए विषयों की सूची से पंजाबी को हटाने का आरोप लगाया और इसे पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत के खिलाफ "सुनियोजित साजिश" करार दिया।
साथ ही, मंत्री ने कहा कि उनके विभाग ने एक नयी अधिसूचना जारी की है, जिसमें कहा गया है कि राज्य में 10वीं कक्षा में पंजाबी मुख्य विषय होगा और यदि किसी स्कूल में पंजाबी मुख्य विषय नहीं है, तो प्रमाण पत्र को अमान्य माना जाएगा। उन्होंने यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि इसे राज्य के सभी शिक्षा बोर्डों पर लागू किया जाएगा और पंजाब सरकार नई शिक्षा नीति लेकर आएगी।
बैंस ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की आलोचना करते हुए कहा कि उसने पंजाबी को विषयों की कथित रूप से सूची से हटा दिया है। उन्होंने इस बाबत इसकी परीक्षा नीति के मसौदे का हवाला दिया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत के खिलाफ एक सुनियोजित साजिश है।'' मंत्री ने कहा कि विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, हिंदी और अंग्रेजी 10वीं कक्षा के मुख्य विषय हैं।
बैंस ने कहा कि क्षेत्रीय और विदेशी भाषाएं एक समूह में हैं, जबकि बाकी विषय दूसरे समूह में हैं। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इसका मतलब है कि पंजाबी मुख्य विषय नहीं है। मुख्य क्षेत्रीय भाषा समाप्त कर दी गई है।'' बैंस ने कहा कि पंजाबी को क्षेत्रीय और विदेशी भाषाओं (की सूची) से हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने थाई, जर्मन, फ्रेंच आदि विदेशी भाषाओं को तो रखा, लेकिन पंजाबी का उल्लेख करना भूल गए।
बैंस ने कहा कि पंजाबी हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में बोली जाती है। उन्होंने कहा कि इतनी महत्वपूर्ण भाषा की महान संस्कृति और इतिहास है और वे इसे भूल जाते हैं। बैंस ने इस मुद्दे को "लिपिकीय गलती" करार देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पंजाब इकाई पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “उन्होंने पंजाब की भावनाओं के साथ खेला और जख्मों पर नमक छिड़का।”
बैंस ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर यह जानना चाहा है कि इस "लिपिकीय गलती" के लिए क्या कार्रवाई की जाएगी। इस बीच, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने भी सीबीएसई द्वारा 10वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए क्षेत्रीय भाषा सूची से पंजाबी भाषा को हटाने का कड़ा विरोध किया तथा इसे तत्काल बहाल करने की मांग की।
यहां जारी एक बयान में पूर्व शिक्षा मंत्री और वरिष्ठ शिअद नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि यह देखकर हैरानी हुई कि केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाले सीबीएसई ने पंजाबी को क्षेत्रीय भाषा के विकल्प के रूप में हटा दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत अजीब बात है कि केंद्र पंजाबी भाषा के प्रति ऐसा भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहा है।''