नयी दिल्ली, 2 फरवरी (एजेंसी)केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) चेयरमैन जे बी महापात्र ने कहा है कि बजट में क्रिप्टो करंसी या ऑनलाइन डिजिटल संपत्तियों को कर के दायरे में लाने की घोषणा आयकर विभाग के लिये देश में इस मुद्रा के कारोबार की ‘गहराई’ का पता लगाने, निवेशकों तथा उनके निवेश की प्रकृति को जानने में मददगार होगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम का मतलब यह नहीं है कि क्रिप्टो करंसी में लेनदेन वैध हो जाएगा। महापात्र ने कहा कि कर अधिकारियों के लिये इस क्षेत्र में प्रवेश का यह सही समय है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि क्रिप्टो करंसी को लेकर सरकार विभिन्न पक्षों के साथ विचार-विमर्श कर रही है और उससे निकलने वाले निष्कर्ष के आधार पर राष्ट्रीय नीति और नियमन तैयार किये जाएंगे। महापात्र ने बजट के बाद बातचीत में कहा, ‘विभाग किसी भी लेनदेन की वैधता पर निर्णय नहीं लेता है। आयकर विभाग और आयकर अधिनियम केवल यह देखता है कि आपने जो लेन-देन किये हैं, क्या उससे आय सृजित हुई है या नहीं। हम इसके लिये नहीं हैं कि आय वैध है या नहीं, बल्कि हमारा काम आय पर कर लगाने का है।’ उन्होंने कहा, ‘यही कारण है कि मैं कहूंगा कि नये कानून के तहत क्रिप्टोकरंसी पर कर लगाना कोई इसे वैध नहीं बनाता…।’