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जहां बिन मांगे ही पूरी हो जाती हैं मुरादें

रामगंज बालाजी धाम

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रामगंज बालाजी धाम न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का केन्द्र भी है। यहां आने से न केवल भक्तों की इच्छाएं पूरी होती हैं, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास, साहस और भक्ति का एक नया अनुभव भी होता है।

भगवान राम के अन्नयन भक्त हनुमान जी ऐसी शक्ति हैं, जो भले ही एक बानर के रूप में हों, पर उनकी कृपा जिस पर होती है, उसे राम की कृपा अपने आप मिल जाती है। राजस्थान के हाड़ौती क्षेत्र के प्रसिद्ध बूंदी जिले में स्थित रामगंज का बालाजी मंदिर एक ऐसी ही शक्ति का प्रतीक है। यहां भक्तों को बिना कोई विशेष अरदास किए ही हनुमान जी, अर्थात बालाजी, उनकी मनोकामना समझकर पूरी कर देते हैं।

चमत्कारी रूप

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हनुमान जी को बालाजी, बजरंगबली, संकटमोचक और हनु जैसे विभिन्न नामों से पूजा जाता है। उनकी शक्तियां इतनी चमत्कारी हैं कि उनके विषय में कुछ भी कहना मुश्किल है। एक उदाहरण के रूप में, जब हनुमान जी ने सूर्यदेव को अपने मुख में समा लिया था, तो समस्त संसार में हलचल मच गई थी। रामगंज बालाजी मंदिर में हनुमान जी की जो मूर्ति है, वह सूर्य के तेज की तरह प्रदीप्त होती है और चमत्कारी गुणों से भरी हुई है।

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स्थापत्य और इतिहास

यह बालाजी धाम बूंदी से लगभग आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मंदिर का इतिहास आधी सदी से भी पुराना बताया जाता है, लेकिन मंदिर के स्थापत्य से यह स्पष्ट होता है कि यह हाड़ा राजपूतों के काल का है। बूंदी के किले की वास्तुकला के समान, इस मंदिर की शैली भी नागर और भूमिज शैली का मिश्रण प्रतीत होती है। प्रवेश द्वार का रूप बूंदी किले के झूला चौका जैसा है, जो इस स्थल की ऐतिहासिकता और महत्व को और बढ़ा देता है।

राम दरबार और बालाजी की मूर्ति

रामगंज के बालाजी मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति के ठीक सामने भगवान राम अपनी पत्नी सीता माता और भाई लक्ष्मण के साथ विराजमान हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि भक्तों के दर्शन करने के बाद स्वयं बालाजी और राम दरबार के दर्शन हो जाते हैं, जो आस्थावान व्यक्ति के लिए एक दिव्य अनुभव होता है।

यहां की विशेष मूर्ति में हनुमान जी का मुख स्वर्ण आभा से चमकता हुआ और उनकी स्थिति बैठी हुई प्रतीत होती है। सबसे विशिष्ट बात यह है कि उनके हाथ में कमल का फूल है। यह विशेषता मंदिर के अन्य बालाजी मंदिरों से इस मूर्ति को अलग बनाती है।

कमल के फूल का महत्व

कुछ लोग यह मानते हैं कि यदि किसी व्यक्ति के जीवन में कोई बाधा या संकट आ रहा हो, तो यहां कमल के फूल को चढ़ाने से वह बाधा दूर हो जाती है। हनुमान जी के हाथ में गदा या धनुष-बाण तो सामान्य रूप से होते हैं, लेकिन कमल का फूल उनकी शक्ति को विशिष्ट और अद्भुत बनाता है।

एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, हनुमान जी को एक बार भगवान राम के लिए 108 नील कमल के पुष्प लाने थे, लेकिन एक कमल कम पड़ गया। तब हनुमान जी ने अपने एक नेत्र को प्रभु के चरणों में समर्पित कर दिया। इस घटना से यह साबित होता है कि हनुमान जी के लिए समर्पण और भक्ति सर्वोपरि है।

बालाजी की चमत्कारी शक्ति

रामगंज बालाजी का मंदिर न केवल चमत्कारी है, बल्कि यहां आने वाले भक्त अपनी बिना मांगी मुराद पूरी होते देखे हैं। मंदिर की स्वर्णिम मूर्ति और उसकी विशिष्ट छवि भक्तों में एक दिव्य शक्ति का संचार करती है, जैसे खोई हुई ताकत वापस मिल गई हो। यहां आने से भक्तों में सकारात्मक ऊर्जा और पवित्रता का संचार होने लगता है।

यात्रा की सुविधा

रामगंज बालाजी धाम कोटा से रेल, बस और हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ है। यहां से आगे, बूंदी के रास्ते में आठ किलोमीटर की दूरी तय कर इस स्थान तक पहुंचा जा सकता है। यहां पर भक्तों के ठहरने की व्यवस्था भी मंदिर द्वारा की गई है, जिससे यात्रा को और भी सुविधाजनक बनाया गया है।

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