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Vaishno Devi Yatra : फिर ठहरी आस्था की राह... खराब मौसम के कारण वैष्णो देवी यात्रा दोबारा स्थगित

बारिश की भविष्यवाणी के बाद, शाम करीब 5:30 बजे तीर्थस्थल बोर्ड ने यात्रा को तत्काल स्थगित करने की घोषणा की

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Vaishno Devi Yatra : भूस्खलन और लगातार भारी वर्षा के कारण 22 दिनों तक स्थगित रहने के बाद, जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा बुधवार को फिर से शुरू हो गई, जिससे श्रद्धालुओं के चेहरे खिल उठे।

अधिकारियों ने बताया कि यह राहत ज्यादा देर तक नहीं रही, क्योंकि दिन में 2500 तीर्थयात्रियों को अनुमति देने के बाद आज शाम को खराब मौसम के कारण तीर्थयात्रा को एक बार फिर स्थगित कर दिया गया। विनाशकारी भूस्खलन के कारण 22 दिनों तक यात्रा स्थगित रही थी। इस भूस्खलन में 34 लोगों की मौत हो गई थी और 20 घायल हो गए थे। माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने आज सुबह से अनुकूल मौसम होने की स्थिति में यात्रा को फिर से शुरू करने की घोषणा की, जिससे कटरा शहर में डेरा डाले हुए कई श्रद्धालुओं के चेहरे खिल उठे।

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कटरा शहर तीर्थयात्रियों का आधार शिविर है। यात्रा के आरंभ स्थल, बाणगंगा दर्शनी द्वार पर सैकड़ों श्रद्धालु ‘जय माता दी' के जयकारे लगाते हुए तड़के ही एकत्रित हो गए और यात्रा शुरू होने पर अपार खुशी और राहत व्यक्त की। श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि खराब मौसम और मंदिर तक जाने वाले मार्ग के आवश्यक रखरखाव के कारण अस्थायी रूप से स्थगित किए जाने के बाद, पहाड़ी पर स्थित मंदिर की ओर जाने वाले दोनों मार्गों से यात्रा सुबह छह बजे शुरू हो गई।

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हालांकि, त्रिकुटा पहाड़ियों पर काले बादल छा जाने और मौसम विभाग द्वारा भारी बारिश की भविष्यवाणी के बाद, शाम करीब 5:30 बजे तीर्थस्थल बोर्ड ने यात्रा को तत्काल स्थगित करने की घोषणा की। दिन में 2,500 से ज्यादा तीर्थयात्री यात्रा में शामिल हुए और उनमें से कई पहले ही तीर्थस्थल पर दर्शन कर चुके हैं। हेलीकॉप्टर सेवा स्थगित रही, लेकिन बैटरी कार सामान्य रूप से काम करती रही। तीर्थस्थल बोर्ड आज रात स्थिति की समीक्षा करेगा और तदनुसार वीरवार को यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों को मार्ग पर जाने की अनुमति देने के बारे में निर्णय लिया जाएगा।

अधिकारियों ने बताया कि श्रद्धालुओं को वैध पहचान पत्र साथ रखने, निर्धारित मार्गों का पालन करने और जमीनी कर्मचारियों के साथ सहयोग करने की सलाह दी जाती है। रेडियो फ्रीक्वेंसी परिचय पत्र (आरएफआईडी) आधारित ट्रैकिंग अनिवार्य रहेगी ताकि पारदर्शिता बनी रहे और श्रद्धालुओं की जानकारी मिलती रहे। मंदिर बोर्ड ने अस्थायी निलंबन के दौरान धैर्य और समझदारी दिखाने के लिए सभी श्रद्धालुओं के प्रति आभार व्यक्त किया।

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