Utpanna Ekadashi 2025: उत्पन्ना एकादशी आज, यहां पढ़े व्रत के नियम व पूजा विधि
Utpanna Ekadashi 2025: आज मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी है। इसे देवी एकादशी का प्राकट्य दिवस माना जाता है, इसलिए इसको उत्पन्ना एकादशी भी कहते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान विष्णु के शरीर से एकादशी देवी का...
Utpanna Ekadashi 2025: आज मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी है। इसे देवी एकादशी का प्राकट्य दिवस माना जाता है, इसलिए इसको उत्पन्ना एकादशी भी कहते हैं।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान विष्णु के शरीर से एकादशी देवी का जन्म मुर नामक राक्षस के वध के लिए हुआ था। उनकी शक्ति और भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने वरदान दिया कि इस व्रत को श्रद्धा से करने पर पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार उत्पन्ना एकादशी व्रत के दिन प्रातः स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें और संकल्प लें। भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित कर उन्हें पंचामृत, पीले पुष्प, वस्त्र और तुलसी दल अर्पित करें। एकादशी की कथा पढ़ें या सुनें और आरती करें। गरीबों व ब्राह्मणों को अन्न, वस्त्र या धन का दान देना शुभ माना जाता है। द्वादशी तिथि की सुबह ब्राह्मण भोजन या दान के बाद व्रत का पारण किया जाता है।
Panchang 15 November 2025: राष्ट्रीय मिति कार्तिक 24
शक संवत 1947
विक्रम संवत 2082
माह मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष
दिन / वार शनिवार
सौर मास कार्तिक मास प्रविष्टे 30
अंग्रेजी तिथि 15 नवंबर 2025
सूर्य स्थिति दक्षिणायन, दक्षिण गोल
ऋतु हेमन्त ऋतु
राहुकाल प्रातः 09:00 से 10:30 बजे तक
एकादशी तिथि अर्धरात्रोत्तर 02:38 तक
द्वादशी प्रारंभ 02:38 के उपरांत
नक्षत्र उत्तरा फाल्गुनी रात 11:38 तक, बाद में हस्त
योग विष्कुंभ (अगले दिन सूर्योदय तक)
करण बव मध्याह्न 01:40 तक, बाद में कौलव
विजय मुहूर्त 01:53 PM – 02:36 PM
निशिथ काल रात 11:39 – 12:33
गोधूलि बेला शाम 5:27 – 5:54
चन्द्रमा कन्या राशि में
विशेष उत्पन्ना एकादशी व्रत
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।

