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प्रजा का विश्वास

एकदा
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एक बार त्जेकुंग ने महात्मा कन्फ्यूिशयस से पूछा, ‘सुचारु राज्य-संचालन के लिए किन-किन वस्तुओं की आवश्यकता है?’ कन्फ्यूशियस ने उत्तर दिया, ‘पर्याप्त अन्न, पर्याप्त फौज और राजा के प्रति प्रजा में विश्वास।’ त्जेकुंग ने पूछा, ‘यदि ये तीनों वस्तुएं एकसाथ प्राप्य न हो सकें तो इनमें से पहले किस वस्तु को छोड़ा जा सकता है?’ कन्फ्यूशियस ने कहा, ‘फौज।’ त्जेकुंग ने फिर पूछा, ‘और भगवन‌्! यदि बाकी दो वस्तुओं में से भी यदि एक का परित्याग करना पड़े तो किसे छोड़ा जा सकता है?’ कन्फ्यूशियस ने कहा, ‘अन्न! अनंतकाल से मनुष्य मृत्यु के मुख में तो आता ही गया है; लेकिन जिस राजा में प्रजा का विश्वास न हो, उसका राज्य कभी टिक नहीं सकता।’

प्रस्तुति : अक्षिता तिवारी

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