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Travelling In India : केदारनाथ यात्रा की पहली सीढ़ी... श्रद्धालु इसलिए पहले हनुमान जी के चरणों में करते हैं नमन

Travelling In India : केदारनाथ यात्रा की पहली सीढ़ी... श्रद्धालु इसलिए पहले हनुमान जी के चरणों में करते हैं नमन
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चंडीगढ़, 12 मई (ट्रिन्यू)

Kedarnath Dham : केदारनाथ हिंदू धर्म के चार धामों में से एक प्रमुख तीर्थस्थल है, जो उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित है। यह भगवान शिव को समर्पित एक अत्यंत पावन स्थल है, जहां हर वर्ष लाखों श्रद्धालु कठिन यात्रा कर दर्शन के लिए पहुंचते हैं। मगर, क्या आप जानते हैं कि बहुत से श्रद्धालु यात्रा से पहले संकटमोचन हनुमान जी के दर्शन जरूर करते हैं।

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यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है बल्कि आस्था, सुरक्षा और आध्यात्मिक बल प्राप्त करने की प्रक्रिया भी है। आइए जानते हैं कि केदारनाथ यात्रा से पहले हनुमान जी के दर्शन क्यों महत्वपूर्ण माने जाते हैं।

क्यों जरूरी है संकटमोचन के दर्शन?

हनुमान जी को संकटमोचन कहा जाता है अर्थात संकटों को हरने वाले। केदारनाथ यात्रा एक कठिन और जोखिमभरी यात्रा है, जिसमें ऊंचाई, मौसम की अनिश्चितता, ऑक्सीजन की कमी और शारीरिक परिश्रम शामिल हैं। श्रद्धालु मानते हैं कि हनुमान जी की कृपा से इन सभी कठिनाइयों का सामना करना आसान हो जाता है इसलिए यात्रा पर निकलने से पहले हनुमान मंदिर जाकर आशीर्वाद लेना शुभ माना जाता है।

श्रीराम और शिव का संबंध

भगवान हनुमान, श्रीराम के परम भक्त हैं। श्रीराम भगवान शिव के महान उपासक माने जाते हैं। एक पौराणिक मान्यता के अनुसार, रामायण काल में जब भगवान राम ने शिवलिंग की स्थापना की, तब हनुमान जी ने उसमें विशेष भूमिका निभाई थी। इस प्रकार, हनुमान जी के दर्शन शिव के भक्तों को शिव तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त करते हैं।

आत्मिक बल और निष्ठा

हनुमान जी को बल, बुद्धि और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। केदारनाथ यात्रा में आत्मबल और विश्वास की आवश्यकता होती है। हनुमान जी की उपासना से श्रद्धालुओं को मानसिक और आत्मिक बल प्राप्त होता है।

परंपरा और लोकविश्वास

उत्तर भारत के कई तीर्थ मार्गों में यह परंपरा है कि कोई भी बड़ी यात्रा या पर्वतारोहण करने से पहले हनुमान मंदिर जाया जाता है। विशेषकर उत्तराखंड में संकटमोचन हनुमान मंदिरों का विशेष महत्व है। देहरादून, ऋषिकेश या गुप्तकाशी जैसे शहरों में स्थित हनुमान मंदिरों में दर्शन करके ही कई यात्री आगे बढ़ते हैं।

मानसिक सुरक्षा का भाव

कठिन यात्रा में दुर्घटनाओं की आशंका रहती है। ऐसे में श्रद्धालु हनुमान जी को अपना रक्षक मानकर उनसे रक्षा की प्रार्थना करते हैं। उनका आशीर्वाद मानसिक शांति और आत्मविश्वास प्रदान करता है, जो किसी भी कठिन यात्रा के लिए अनिवार्य है।

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