Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

वीरांगना का बलिदान

एकदा
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

मुगलों ने दुर्गादास राठौर को अपना कट्टर दुश्मन समझ रखा था। यही कारण था कि मुगलों ने कई बार दुर्गादास राठौर को छल से मारने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। एक बार दुर्गादास राठौर को एक मराठा सरदार के घर रात बितानी पड़ी। सरदार मुगलों की नौकरी में था। जब दुर्गादास गहरी नींद में सो गये, तो सरदार अपनी कटार निकाल उनकी हत्या करने के लिए आगे बढ़ा, तभी उसकी वीर पत्नी बिजली की गति से उसके सामने आ गयी और अपने पति से कटार छीनकर बोली, ‘धिक्कार है तुम्हारी वीरता पर। मुगलों के टुकड़ों पर पलने से लगता है कि तलवार के साथ-साथ तुम्हारी आत्मा को भी जंग लग गयी है। तुमने आज मराठा जाति को कलंकित कर दिया। मैं ऐसे कायर की पत्नी कहलाने से अच्छा मौत को गले लगा लेना उचित समझती हूं।’ इतना कहकर सरदार की पत्नी ने अपने सीने में कटार उतार ली।

प्रस्तुति : पुष्पेश कुमार पुष्प

Advertisement

Advertisement
×